रायपुर। रोजाना बढ़ रही ऑनलाइन ठगी, हैकिंग व डाटा चोरी ( Cyber crimes ) जैसी घटनाओं को रोकने के लिए शासकीय ई.राघवेंद्र राव स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय में इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. तरुणधर दीवान ने मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन सिस्टम ( Multi factor authentication system ) तैयार किया है। उनका दावा है कि इस तकनीक के जरिए ठग ओटीपी ( OTP ) नहीं खोल पाएंगे। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फ्यूचर जनरेशन कम्युनिकेशन एंड नेटवर्किंग ( International Journal of Future Generation Communication and Networking ) में उनका शोध पत्र भी प्रकाशित हो चुका है।

डॉ. दीवान की मानें तो अभी सिंगल फेस ऑथेंटिकेशन सिस्टम ( Single face authentication system ) के तहत सिर्फ पासवर्ड का उपयोग होता है। जिसमें पिन चोरी या ठगे जाने का खतरा अधिक होता है। टू फैक्टर के अंतर्गत बैंक, जीमेल या इंटरनेट होता है। इसी तरह थ्री फेस अथेंटिफिकेशन सिस्टम में पासवर्ड, ओटीपी और बायोमैट्रिक्स फीचर्स या ग्राफिक्स हैं। इसके बावजूद साइबर अपराध ( Cyber crimes ) की घटनाएं बढ़ रही हैं।

सुरक्षा प्रणाली का मजबूत करने और डेटाबेस, दस्तावेज, पैसे के लेनदेन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए मल्टी फैक्टर अथेंटिफिकेशन सिस्टम पर शोध किया जिसमें पासवर्ड और बायोमेट्रिक फीचर्स, डिजिटल सिगनेचर, न्यूमैरिक पिन, इंक्रिप्टेड ओटीपी के जरिए मजबूत सुरक्षा प्रणाली तैयार करने में सफलता मिली। यह डिवाइस, सेंसर, मशीन लर्निंग टूल्स, कैप्चा अथेंटिफिकेशन सिस्टम के अंतर्गत है।

आंख व उंगलियों से पहचान

रिसर्च में बताया गया है कि इस सिस्टम के अंतर्गत व्यक्ति का चेहरा, आंख, उंगली, आवाज को भी पासवर्ड के रूप में शामिल किया जा सकेगा। ग्राफिक्स सिस्टम, डिजिटल सिगनेचर, इंक्रिप्टेड ओटीपी का उपयोग करके इसे और मजबूत बनाया गया है। बैंक, एटीएम और इंटरनेट के माध्सम से होने वाली ठगी आसान नहीं होगी।

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