तबलीगी जमात के इज्तिमा से भारत, पाकिस्‍तान, मलेशिया समेत एशिया के कई देशों में हड़कंप

नई दिल्‍ली/इस्‍लामाबाद/क्‍वालालंपुर। दुनियाभर में इस्‍लाम का प्रचार करने वाली धार्मिक संस्‍था तबलीगी जमात के इज्तिमा से भारत, पाकिस्‍तान, मलेशिया समेत एशिया के कई देशों में हड़कंप मच गया है।

दिल्‍ली में आयोजित इस इज्तिमा में शामिल 10 लोगों की मौत हो गई है और 24 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। उधर, पाकिस्‍तान में भी 27 लोगों को कोराना पॉजिटिव पाया गया है।

दक्षिण कोरिया के चर्च के बाद अब तबलीगी जमात एक बार फिर से धार्मिक संगठन कोरोना से जंग में बड़ी समस्‍या बनकर सामने आ रहे हैं।

कोरोना वायरस के कहर से निपटने के लिए भारत में लॉकडाउन है। मलेशिया में सख्‍त पाबंदी लगी है और पाकिस्‍तान में सेना तैनात है। इन सबके बावजूद तीनों ही देशों में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहसिक कदम उठाते हुए भारत में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया है। कोरोना से इस जंग में तबलीगी जमात ने ऐसी चोट पहुंचाई जिससे निपटने के लिए अब भारत को भगीरथ प्रयास करना होगा।

तबलीगी जमात की बैठक में शामिल 10 लोगों की मौत

दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में हुई इस बैठक में हिस्‍सा लेने वाले 10 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो गई है। यह पूरा इलाका ही अब कोरोना का केंद्र बन गया है।

यहां पर कोरोना के खतरे के बावूजद बिना इजाजत 18 मार्च को धार्मिक कार्यक्रम किया गया, जिसमें 300 विदेशियों के साथ 1900 लोग शामिल हुए। नतीजा 10 मौतें और 300 के संक्रमित होने का खतरा है।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक तबलीगी जमात के कार्यक्रम के बाद भी करीब 1500-1700 लोग इस मरकज में जमा थे।जैन ने बताया कि अब तक इस मरकज से 1033 लोगों को निकाला जा चुका है और बाकी लोगों को भी निकालने का काम जारी है।

मरकज से निकाले गए लोगों में से 334 लोग अस्पताल में भर्ती हैं और बाकी के करीब 700 लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है। जमात के इज्तिमा में शामिल 9 लोगों ने इस खतरे को अंडमान तक पहुंचा दिया है।

अंडमान में कोरोना वायरस के 10 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इनमें से 9 दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के मरकज से वापस लौटे थे।

पाकिस्‍तान और मलेशिया में जमात ने बढ़ाई मुसीबत

कोरोना महासंकट के बीच 12 मार्च को दुनिया के 80 देशों के ढाई लाख लोग तबलीगी जमात के आयोजन में ह‍िस्‍सा लेने पहुंचे थे।

कोरोना संकट को देखते हुए पाकिस्‍तानी अधिकारियों ने तबलीगी जमात के धर्मगुरुओं से यह बैठक कैंसिल करने की अपील की, लेकिन जमात ने उनकी अपील नहीं मानी।

इसका नतीजा यह हुआ कि तबलीगी जमात की यह बैठक पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस के प्रसार का बहुत बड़ा जरिया बन गई। पाकिस्तान में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल 27 सदस्यों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है।

तबलीगी जमात की इसी बैठक में हिस्‍सा लेने के लिए दो लोग फलस्‍तीन से लाहौर पहुंचे थे। ये दोनों लोग कोरोना से संक्रमित हो गए। पिछले दिनों मलेशिया में भी इसी तरह की तबलीगी जमात की एक बैठक हुई थी।

अब इस आयोजन में हिस्‍सा लेने वाले 620 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोग दक्षिण पूर्व एशिया के 15 देशों के नागरिक हैं।

शिन्चेऑन्जी चर्च के बाद अब तबलीगी जमात

दक्षिण कोरिया के शिन्चेऑन्जी चर्च के बाद अब एक बार फिर से कट्टर धार्मिक समूह दुनिया भर में महामारी बन चुके कोरोना वायरस से जंग में बड़ा रोड़ा बनते जा रहे हैं।

दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस से संक्रमण के 9,786 मामले सामने आए हैं। इनमें बड़ी संख्‍या में ऐसे लोग हैं जो शिन्चेऑन्जी चर्च के अनुयायी हैं।

कोरियाई प्रशासन का कहना है कि देश के दक्षिणी शहर डाएगू में बेहद रहस्‍यमयी समझे जाने वाले शिन्चेऑन्जी चर्च के सदस्यों में एक-दूसरे के जरिए कोरोना वायरस फैलता गया। फिर धीरे-धीरे देश के दूसरे हिस्सों में भी इसका असर होने लगा।

इस तरह शिन्चेऑन्जी चर्च से होकर कोरोना वायरस पूरे देश में फैल गया। चर्च के प्रमुख ली मन ही खुद को ‘जीसस का अवतार’ बताते हैं। उन्होंने शिन्चेऑन्जी चर्च की स्थापना साल 1984 में की थी।

कोरियाई भाषा में शिन्चेऑन्जी का मतलब ‘नया स्वर्ग और धरती’ है। ली के अनुनायियों का मानना है कि वे अपने साथ करीब एक लाख 44 हजार लोगों को लेकर स्वर्ग जाएंगे।

चर्च का कहना है कि दक्षिण कोरिया से बाहर उसके करीब 20 हजार अनुयायी हैं। इन देशों में चीन, जापान और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ देश भी हैं।

चर्च पर कार्रवाई कर सरकार ने रोका कोरोना

चर्च से कोरोना के फैलने की जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों ने बिना देरी किए वहां इमरजेंसी लगा दी। यही नहीं सरकार ने चर्च के कोरोना पीड़‍ित सदस्‍यों को ट्रैक करने के लिए युद्धस्‍तर पर अभियान चलाया।

चर्च के सभी दो लाख 30 हज़ार सदस्यों के बयान लिए गए। इनमें से करीब 9000 ने बताया कि उनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिख रहे हैं। इसके बाद बड़े पैमाने पर पूरे देश में कोरोना का टेस्‍ट किया गया और पॉजिटिव पाए जाने पर उन्‍हें अलग-थलग कर इलाज शुरू किया गया।

इतना ही नहीं दक्षिण कोरिया ने अत्‍याधुनिक तकनीक का भी बेहतर इस्तेमाल किया और क्वारेंटाइन मे भेजे गए लोगों के फोन में एक मोबाइल एप्लीकेशन डाला।

इससे सरकारी अधिकारियों को उस व्यक्ति की गतिविधि पर नजर रखने में मदद मिली। दक्षिण कोरिया की सरकार ने अब कोरोना वायरस के प्रसार और पीड़‍ितों के नाम छिपाने पर पर चर्च के प्रमुख ली मन और 11 अन्‍य के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू की है।

माना जा रहा है कि तबलीगी जमात मामले में भी अब भारत, पाकिस्‍तान और मलेशिया को दक्षिण कोरिया की राह पर ही चलना होगा।

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