नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत को विश्व बैंक से बड़ी मदद मिली है। कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए वर्ल्ड बैंक ने भारत को 7.5 हजार करोड़ की आपात वित्तीय सहायता मंजूर की है। वर्ल्ड बैंक ने अपनी पहली सहायता परियोजनाओं के तहत करीब 25 देशों के लिए 15 हजार करोड़ की सहायता मंजूर की है। इसके अलावा 40 से ज्यादा देशों में फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत नए ऑपरेशनों को आगे बढ़ा जाएगा। आपात वित्तीय सहायता का बड़ा हिस्सा भारत के हिस्से में गया है।


बोर्ड ऑफ एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स की बैठक के बाद एक बयान जारी कर वर्ल्ड बैंक ने कहा, ‘भारत में 7.5 हजार करोड़ की आपात आर्थिक सहायता से बेहतर स्क्रीनिंग, कांटेक्ट ट्रेसिंग और लैब डायग्नोस्टिक्स, पर्सनल प्रोटेक्टिव उपकरणों की खरीद और नए आइसोलेशन वार्डों की स्थापना में मदद मिलेगी।’

इसके अलावा विश्व बैंक ने वैश्विक कोरोना वायरस महामारी से पड़ने वाले असर से निपटने में देशों की मदद करने के लिए 15 महीनों के लिए 160 अरब डॉलर की आपात सहायता भी मंजूर की है।

इस बीच, रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारतीय बैंकों का आउटलुक “स्थिर” से घटाकर “नकारात्मक” कर दिया है। एजेंसी के मुताबिक कोरोना संकट के चलते कारोबारी गतिविधियां लगभग ठप हैं, जिससे बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता बेहद प्रभावित हो सकती है।

रेटिंग एजेंसी इकरा ने भी कहा है कि सुस्त आर्थिक गतिविधियों के चलते कर्जदारों की कर्ज चुकाने की क्षमता प्रभावित होने की आशंका है। इससे फंसा कर्ज (एनपीए) बढ़ने की आशंका गहरा गई है और यह अगली कुछ तिमाहियों में दिखने लगेगा। मूडीज ने यह भी कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सिर्फ 20 फीसद गैर-वित्तीय कंपनियों पर कोरोना संकट का गंभीर जोखिम है।

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