टीआरपी न्यूज। हिंदू धर्म में दीए जलाने का काफी धार्मिक महत्व है। दीया जलाने की परंपरा हिंदू धर्म में करीब 5000 सालों से भी ज़्यादा पुरानी है। जलता हुआ दीया अग्नि का प्रतीक माना गया है।
पारसी समुदाय में तो अग्नि को देवता मानकर उनकी पूजा होती है। वेद और पुराणों अग्नि को देवता का रूप माना गया है। यही वजह है कि हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य में दिया जलाना अनिवार्य माना जाता है।

आइए जानते हैं दिया जलाने का धार्मिक महत्व क्या है…

दीया जलाने का धार्मिक कारण

जलते हुए दीये को अंधकार को दूर करने वाले प्रकाश का स्त्रोत माना जाता है। इसे ज्ञान का भी प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दिया जलाने से गरीबी दूर होती है और अज्ञानता का अंधकार मिट जाता है। धर्म शास्त्रों में भी धार्मिक आयोजनों पर दिया जलाना काफी शुभ माना जाता है।

विषम संख्या में दीप प्रज्जवलित करें

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दीये हमेशा विषम संख्या में प्रज्वलित करने चाहिए जैसे 3, 5, 7 या 9 इसी तरह से। गाय के घी का दिया जलाना सबसे शुभ माना जाता है, मान्यता है कि ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। कुछ लोग पूजा में तिल के तेल इस्तेमाल करते हैं।

यह भी है मान्यता

-पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अगर आप घी का दिया जलाने वाले हैं तो आपको रुई की बत्ती का इस्तेमाल करना चाहिए, लेकिन यदि आप तेल का दीया जलाते हैं तो आपको लाल धागे से बनी हुई बत्ती का इस्तेमाल करना चाहिए।
-घी का दिया प्रज्जवलित करते समय इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि दिया आपके बाएं हाथ की तरफ हो और यदि तेल का दिया जलाने वाले हैं तो इस दीये को हाथ के दाईं तरफ रखें।

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