मुख्यमंत्री ने सोशल की जगह फिजिकल डिस्टेंसिंग पर दिया जोर, कहा- सोशल डिस्टेंसिंग जैसे शब्द अपने जेहन से हटाना होगा

रायपुर। कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने की कवायद में जुटी सरकार की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से चर्चा की।

इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह स्पष्ट किया है कि तबलीगी जमात से लौटने वाले लोगों की संख्या केवल 107 है। सरकार की ओर से जारी की गई 159 लोगों की सूची पर उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश की एसआईबी ने मोबाइल नेटवर्क के आधार पर यह तैयार किया था।

इस सूची में ऐसे नाम भी जोड़ दिए गए थे, जिनता तबलीगी जमात से कोई लेना-देना नहीं है। राज्य में सभी 107 लोग आइडेंटिफाइड है। इनमें से 8 लोगों में कोरोना पाॅजिटिव पाए जाने के बाद इलाज किया जा रहा है। बाकी सभी लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है।

उन्होंने कहा कि कटघोरा को पूर्णतः लाकडाउन कर दिया गया है। हर घर की जांच की जा रही है। जो लोग पाॅजिटिव पाए गए हैं, उनके 20 दिन की हिस्ट्री निकाली जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के बीच जीवन और जरूरतों के बीच संतुलित कदम उठाने की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग जैसे शब्दों को अपने जेहन से हटाकर फिजिकल डिस्टेंसिंग को लाना होगा।

मीडिया व सामाजिक संगठनों की तारीफ की

उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान राज्य शासन के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों, मीडिया ने अच्छा काम किया है। सरकारी आदेश को आम जनता तक पहुंचाने में हम सफल हुए।

कोरोना आपदा के बीच सरकार के कामकाज को बताते हए उन्होंने कहा कि हम गरीब परिवारों को दो महीने का राशन एक साथ दे रहे हैं। 40-45 लाख परिवारों तक राशन पहुंच गया है।

अब वितरण का काम समाप्ति की ओर है। इसके वितरण में शिकायतें भी नहीं मिली है। जिनके राशन कार्ड नहीं बने थे, उन्हें भी चावल उपलब्ध कराया गया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में महुआ बिनने, इमली तोड़ने का काम चल रहा है।

इसके विक्रय करने में परेशानी हो रही थी। वन समितियों और स्व सहायता समूहों के जरिए खरीदी की व्यवस्थआ की गई है। यह अपने आप में उपलब्धि है।

कटघोरा के छोड़कर प्रदेश में संपूर्ण लॉकडाउन नहीं है

भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में गुरूवार को सात नए केस सामने आए हैं। इससे पहले 9 पाॅजिटिव केसेज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। फिलहाल 9 मरीजों का इलाज जारी है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अब तक 100 फीसदी लाकडाउन नहीं हुआ है। सब्जी दुकान, राशन दुकान, किसानों के खाद्य बीज के दुकान खोले गए, लेकिन कटघोरा में सात नए केसेज सामने आने के बाद पहली बार वहां पूर्णत लाकडाउन रखा गया है।

हर घर की जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो लाकडाउन की स्थिति रही है, उसमें शहरों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर अनुशासन रहा।

ग्रामीण व्यवस्था आज भी उतनी ही मजबूत है, जैसे पहले थी। गांवों में रास्ते बंद कर दिए गए हैं। बैनर लगा दिए गए हैं। पेड़ काटकर गिरा दिया गया है। कोई बाहर नहीं जा रहा।

मैदानी से लेकर सुदूर गांवों में भी यदि कोई व्यक्ति बाहर गया था। वापस आने के बाद उसके रहने की व्यवस्था बाहर कर दी गई है। गांव में दाखिल नहीं होने दिया जा रहा। यह बताता है कि गांवों में सजगता ज्यादा है।

केंद्र सरकार की गाइडलाइन अनुसार टेस्ट किया जा रहा है

सीमित टेस्ट होने के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन है कि जिसमें लक्षण दिखाई देंगे, उनका टेस्ट करना है। पीपीई और टेस्ट कीट की उपलब्धता सीमित है।

इसकी उपलब्धता केंद्र सरकार कराती है, इसलिए मितव्ययिता बरतते हुए इसका प्रयोग कर रहे हैं। सबसे पहले जो यूके से लोग लौटे थे, उनका पहला टेस्ट लिया गया।

ज्यादातर केसेज उनमें से ही सामने आए हैं, जो लोग उनके संपर्क में आए हैं। उनके टेस्ट लिए गए हैं। अब हमने व्यापक पैमाने पर टेस्ट किए जाने के आदेश जारी किए हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने खरीदी के लिए टेंडर निकाला है। जल्द ही व्यवस्था हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अब हमने राज्य में स्वास्थ्य महकमे को रेंडम जांच के लिए आदेश दिया है।

टेस्ट कीट की उपलब्धता होते ही बड़े पैमाने पर टेस्ट के काम शुरू कर दिए जाएंगे। फिलहाल एम्स और जगदलपुर मेडिकल कालेज को ही टेस्ट किए जाने की अनुमति केंद्र ने दी थी। अब मेकाहारा को भी अनुमति मिल गई है।

कोरोना का इलाज दवा व फिजिकल डिस्टेंसिंग से ही संभव

कोरोना आपदा के बीच प्रधानमंत्री मोदी की थाली-ताली बजाने और दिया जलाने की अपील से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना का इलाज दवा से होगा। फिजिकल डिस्टेंसिंग से होगा। इसका इलाज सिर्फ डॉक्टर ही कर सकते हैं। दूसरी चीजों से यह संभव नहीं है।

पीएम के वीडियो कांफ्रेंसिंग व कैबिनेट मीटिंग के बाद लॉकडाउन पर फैसला

लाॅकडाउन की तारीख बढ़ाने जाने से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग कर रहे हैं।

इस कांफ्रेंस के दौरान लिए जाने वाले निर्णय के आधार पर छत्तीसगढ़ आगे की रणनीति तय करेगा। हमने 12 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। वीडियो कांफ्रेसिंग से होने वाली इस बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी।

इधर फेक न्यूज से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि सामाजिक सौहार्द्र बने इस बात की चिंता हर किसी को करनी चाहिए। शासन ने फेक न्यूज कमेटी बनाई हुई है।

शिकायत मिलने पर कार्यवाही भी की जाएगी। प्रधानमंत्री को भेजी गई चिट्ठी के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में कहा कि अब तक उनकी चिट्ठी का किसी तरह का कोई जवाब नहीं आया है।

बारिश से फसल को नुकसान हुआ, कृषि से जुड़ी दुकानें खुली हैं

वहीं किसानी से जुड़े सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले दिनों आई वृष्टि की वजह से फसलों का नुकसान हुआ है। बावजूद इसके राज्य के किसान इन दिनों गेहूं की कटाई, रबी फसल में जुटे हैं।

उनका काम खेतों में चल रहा है। किसानी से जुड़े उपकरण, खाद्य-बीज की दुकानें खुली है। इस वक्त लगभग पांच लाख खेतीहर मजदूर काम कर रहे हैं।

मनरेगा के काम भी खोले गए हैं, लेकिन इस बीच यह दिक्कत भी आ रही है कि गांवों को लाक़डाउन किए जाने की वजह से ढेरों मजदूर बाहर नहीं निकल रहे।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।