कोरोना वायरस (covid-19) को लेकर अमेरिकी टीवी चैनल फॉक्स न्यूज ने बड़ा दावा किया है
किलर कोरोना के कहर से दुनियाभर में अब तक 1,34,677 लोग मारे गए हैं और 20 लाख संक्रमित
वॉशिंगटन। किलर कोरोना के कहर से दुनियाभर में अब तक 1,34,677 लोग मारे गए हैं और 20 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। चीन के वुहान शहर से निकली इस महामारी की चपेट में अब विश्व के 195 से ज्यादा देश आ गए हैं। कोरोना वायरस के जन्म को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं।

इस बीच अमेरिकी टीवी चैनल फॉक्स न्यूज ने एक सनसनीखेज दावा किया है। फॉक्स न्यूज ने कहा है कि चीन ने एक विशेष उद्देश्य से इस वायरस को वुहान की लैब में पैदा किया था।
फॉक्स न्यूज ने कई सूत्रों के हवाले से दावा किया कि चीन ने वुहान लैब में कोरोना वायरस को बायोवेपन के रूप में नहीं बल्कि दुनिया को अपनी ताकत दिखाने के लिए पैदा किया था। चीन ने यह दिखाने की कोशिश की कि वह कोरोना जैसे खतरनाक वायरस की अमेरिका की तरह या उससे ज्यादा अच्छे से पहचान कर सकता है और उससे पूरी ताकत के साथ निपट सकता है।
अब तक का सबसे महंगा गुप्त कार्यक्रम
एक सूत्र ने कहा कि यह अब तक का सबसे महंगा गुप्त कार्यक्रम हो सकता है। उन्होंने कहा कि शुरू में यह वायरस चमगादड़ से इंसान में पहुंचा और ‘पेशेंट जीरो’ भी वुहान की रहस्यमय लैब में काम करता था। पेशेंट जीरो जब वुहान की मार्केट में गया तब यह वायरस वहां भी फैल गया। इस बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हम लगातार कई कहानियां सुन रहे हैं, हम इस मामले की जांच कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक डॉक्टरों के प्रयासों और इस वायरस को शुरू में लैब में रोकने से जुडे़ कई दस्तावेजों से यह पता चलता है कि वुहान में जिस वेट मार्केट की पहचान कोरोना फैलने के रूप में की गई थी, वहां पर चमगादड़ बिकते ही नहीं थे।
सूत्रों ने बताया कि चीन ने वेट मार्केट की थियरी को जानबूझकर फैलाया, ताकि लैब पर लगने वाले आरोप दब जाएं। चीन चाहता था कि इसके बाद वह अमेरिका और इटली को निशाना बनाएगा।
वुहान लैब में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं
इससे पहले अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने खुलासा किया था कि अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने जनवरी 2018 में चेतावनी दी थी कि वुहान लैब में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। उन्होंने चमगादड़ों में पाए जाने वाले कोरोना वायरस पर बहुत खतरनाक रीसर्च कर रहे वैज्ञानिकों के बारे में सूचनाएं भी दी थीं।
इस रिपोर्ट पर अमेरिका के जांइट चीफ ऑफ स्टाफ ने जनरल मार्क मिल्ले ने कहा कि इसे आश्चर्य के साथ नहीं देखना चाहिए, हमने उसमें बहुत रुचि दिखाई थी। मैं अभी बस इतना कहूंगा कि यह रिपोर्ट अधूरी है। हालांकि साक्ष्यों को देखकर लग रहा है कि यह स्वाभाविक है।
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