भोजपुर:भोजपुर जिले में आज भी एक ऐसा पेड़ देखने को मिलता है, जिसके कण-कण में ‘राम का नाम अंकित है। इसके तने को रगड़ने पर लाल रंग का पाउडर निकलता है। उसके नीचे देवनागरी लिपि में बड़े व छोटे आकार में लिखा ‘राम दिखाई पड़ता है। यह प्राकृतिक घटना आम लोगों के लिए कौतूहल का विषय है। स्थानीय ग्रामीण इसे ‘रामरहर का पेड़ कहकर पुकारते हैं।

भोजपुर के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक व कृषि विज्ञान केंद्र के हेड पीके द्विवेदी भी इसे आश्चर्यजनक बताते हैं। उन्होंने केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति, वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज डुमरांव के प्राचार्य और जिला वन पदाधिकारी को उक्त पेड़ की कई तस्वीर भेजी है। साथ ही उक्त पेड़ में होने वाली इस प्राकृतिक घटना का जिक्र करते हुए इसके संरक्षण और बहुगुणन के लिए पहल करने का आग्रह किया है।

50 वर्ष पुराना है यह पेड़

यह पेड़ जगदीशपुर प्रखंड के बालदेव सिंह का टोला गांव में है। इसकी ऊंचाई करीब 25-30 फुट है। पतझड़ के बाद अभी यह पेड़ नंगा है। हालांकि इसमें धीरे-धीरे नयी पत्तियां आ रही हैं। कृषि वैज्ञनिक के अनुसार करीब 50 वर्ष पुराने इस पेड़ का तना एक नजर में पत्थर की आकृति जैसा दिखता है। वर्षों पूर्व इस जंगली इलाके में ऐसे पेड़ बड़ी संख्या में रहे होंगे, लेकिन फिलहाल यही एक पेड़ रह गया है। इसलिए भी इस पेड़ को संरक्षित करने के साथ-साथ इसकी प्रजाति को बढ़ावा दिये जाने की जरूरत है।