टीआरपी न्यूज/नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर देशभर में लागू लॉकडाउन 3.0 की मियाद कल रविवार को खत्म हो रही है। अभी वायरस जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसे देखते हुए तीसरी बार लॉकडाउन का बढ़ना तय है, जिसका संकेत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में दिया था। लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि लॉकडाउन 4.0 में कई तरह की छूट दिए जाने की संभावना है। इस बारे में अब किसी भी वक्त ऐलान जा सकता है।

बता दें कि सबसे पहले 25 मार्च से 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया था। बाद में इसे बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया। उसे भी बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया गया। अब तीसरी बार लॉकडाउन फिर बढ़ने वाला है।
यहां मिल सकती है छूट
– पब्लिक ट्रांसपोर्ट को शर्तों के साथ इजाजत संभव
– ऑटो रिक्शा और कैब एग्रीगेटरों को शर्तों के साथ इजाजत दी जा सकती है। उन्हें अधिकतम 2 यात्रियों को बैठाने की अनुमति दी जा सकती है।
– घरेलू उड़ानों को भी मंजूरी दी जा सकती है बशर्ते कि जहां से फ्लाइट जानी हो और जिस जगह पर उसे पहुंचनी है, वे दोनों संबंधित राज्य इसके लिए राजी हों। केंद्र तो सभी घरेलू उड़ानों को शुरू करना चाहता है लेकिन कई राज्य इसके विरोध में हैं।
– रेड जोन्स में मेट्रो सर्विसेज को आगे भी सस्पेंड रखा जा सकता है।
– रेस्ट्रॉन्ट और शॉपिंग मॉल्स को भी कुछ शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दी जा सकती है।
– कंटेनमेंट जोन्स में और ज्यादा सख्ती हो सकती है। किस जोन में किन गतिविधियों की इजाजत रहे, इसे तय करने का अधिकार राज्यों को मिल सकता है।
– अब तक केंद्र सरकार ही रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन तय करती रही है। इसमें बदलाव भी केंद्र ही कर सकता है। हालांकि, राज्य मांग कर रहे हैं कि उन्हें जोन तय करने और किस जोन में किन तरह की गतिविधियों को इजाजत रहे, यह तय करने का अधिकार उन्हें मिले।
जानें किन राज्यों से क्या प्रस्ताव
छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 17 मई को लॉकडाउन के बाद की रणनीति पर केन्द्र को दिए अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने सावधानियों के साथ व्यापारिक।
एवं वाणिज्यिक गतिविधियां प्रारंभ करना आवश्यक।
कंटेनमेंट जोन को छोड़कर शेष सभी क्षेत्रों में आवश्यक और गैर आवश्यक।
वस्तुओं की बिक्री की दी जाए अनुमति।
अंतर्राज्यीय सीमाएं खोलना फिलहाल उपयुक्त नही होगा।
वाहन शोरूम, वर्कशॉप और ई-कामर्स सेवाएं की जा सकती हैं प्रारंभ।
होटलों को फिजिकल डिस्टेंस की शर्त पर मिले केवल रहवासी सुविधाएं देने की अनुमति।
टेक्नीशियन, इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक, मिस्त्री को सेवाएं देने और दुकान संचालन की मिले अनुमति।
नगरीय क्षेत्रों में फिजिकल डिस्टेंस की शर्त पर निर्माण कार्य प्रारंभ हो, श्रमिकों के परिवहन के लिए पास की अनुमति अनिवार्य की जाए।
रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन के निर्धारण का अधिकार राज्योें को मिले।
गैर आवश्यक अंतर्राज्यीय परिवहन पर 15 जून तक प्रतिबंध रखना आवश्यक।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अतिरिक्त नई ट्रेने संबंधित राज्यों की अनुमति से चलायी जाएं।
वायु मार्ग से हो केवल लॉकडाउन में फंसे हुए व्यक्तियों का हो परिवहन।
सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को फिलहाल रखा जाए स्थगित।
आंध्र प्रदेश में पब्लिक एक्टिविटी शुरू करने का प्रस्ताव
अगर बात आंध्र प्रदेश की करें तो राज्य की तरफ से केंद्र को नॉन-कंटेनमेंट जोन में सभी इकनॉमिक और पब्लिक एक्टिविटी शुरू करने का प्रस्ताव भेजा गया है। बता दें कि यहां अब तक 2100 से भी अधिक कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं और करीब 11,500 लोग क्वारंटीन में हैं।
दिल्ली
राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि उन्हें दिल्ली के लोगों की तरफ से फीडबैक मिला है। उनके आधार पर केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोग चाहते हैं कि संक्रमण जोन में भी कुछ इकनॉमिक एक्टिविटी शुरू हों। उन्होंने कहा कि दिल्ली से कुछ प्रतिबंध हटाने चाहिए, जिसके सभी इलाकों को रेड जोन में रखा गया है।
केरल चाहता है पर्यटन शुरू हो
यह एक ऐसा राज्य है, जिसकी सबसे अधिक आय पर्यटन से होती है। राज्य ने मांग की है कि लॉकडाउन 4.0 में मेट्रो सेवाएं, लोकल ट्रेनें, घरेलू उड़ानें, रेस्टोरेंट और होटल खुलने चाहिए। केरल में ही कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था और राज्य ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में बेहद अहम भूमिका निभाई है। यहां से करीब 560 मामले सामने आए थे, जिसमें से 500 के करीब लोग सही हो चुके हैं। राज्य में कोरोना वायरस से सिर्फ 4 लोगों की मौत हुई है।
कर्नाटक में रेस्टोरेंट-होटल खोलना चाहती है सरकार
कोरोना वायरस से जंग में कर्नाटक ने भी अच्छी भूमिका निभाई है। कर्नाटक ने सरकार से कहा है कि राज्य में रेस्टोरेंट, होटल और जिम खुलने चाहिए। कर्नाटक में 959 एक्टिव मामले हैं और करीब 1518 लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है। बता दें कि पिछले ही हफ्ते राज्य सरकार ने पब और बार को शराब बेचने की इजाजत दी थी, लेकिन सिर्फ टेक अवे सिस्टम के तहत।
तमिलनाडु में कंटेनमेंट जोन में भी खुलें दुकानें
राज्य ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन में भी इकनॉमिक एक्टिविटी फिर से शुरू होनी चाहिए। हालांकि, राज्य में पिछले दिनों में कोरोना वायरस के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। एक सब्जी मार्केट से ही करीब 2600 मामले सामने आए हैं। राज्य में सोमवार से काफी बड़ी रियायतें दिए जाने की घोषणा की जा चुकी है। साथ ही वर्किंग आवर बढ़ाने और फैक्ट्रियां खोले जाने की रियायत भी सोमवार से मिलेगी।
गुजरात में शुरू हों सारी इकनॉमिक एक्टिविटी
लॉकडाउन 4.0 में गुजरात सरकार चाहती है कि वहां के सभी अरबन सेंटर्स में सारी इकनॉमिक एक्टिविटी शुरू हों। हालांकि, अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा जैसे शहरों में बहुत सारे कोरोना मामले सामने आए हैं। सिर्फ अहदाबाद में ही गुजरात के 70 फीसदी मामले हैं।
महाराष्ट्र में नियम शर्तों के साथ खुलेंगे उद्योग
कोरोना से सबसे बुरी तरह से महाराष्ट्र ही प्रभावित हुआ है, जहां 30 हजार के करीब मामले सामने आ चुके हैं और 1000 से भी अधिक लोग मारे जा चुके हैं। यहां सरकार ने कुछ नियम शर्तों के साथ उद्योगों को खोलने की इजाजत दी है। हालांकि, हालात बुरे होने की वजह से कुछ खास छूट नहीं मिल पाएगी।
बिहार, झारखंड, ओडिशा में क्या
लॉकडाउन 4.0 के लिए बिहार, झारखंड, ओडिशा का अलग ही प्लान है। यहां की सरकारें चाहती हैं कि सब कुछ पूरी तरह से बंद रहे, कोई रियायत ना दी जाए। इन राज्यों में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो घोषणा भी कर दी है कि वहां 31 मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा। हालांकि, जिलों के पास अधिकार होगा कि वह कुछ रियायतें दे सकें।
पंजाब में भी सख्त लॉकडाउन बढ़ेगा
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी कहा है कि राज्य में अभी रियायतें नहीं दी जानी चाहिए, बल्कि सख्त लॉकडाउन लगा रहना चाहिए। उन्होंने पीएम मोदी से मीटिंग में कहा- हमारे राज्य में सख्त लॉकडाउन होने चाहिए, मैं सुनिश्चित करूंगा की कर्फ्यू लगा रहे।
असम ने सब केंद्र पर छोड़
वैसे तो असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि सख्त लॉकडाउन होना चाहिए, लेकिन ये भी साफ कर दिया है कि इस मामले में केंद्र जो भी फैसला करेगा उन्हें मंजूर होगा।
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