रायपुर। CGMSC के मेडिकल घोटाला मामले में मोक्षित कॉर्पाेरेशन के MD को भ्रष्टाचार निवारण स्पेशल कोर्ट ने 24 फरवरी तक जेल भेज दिया है। इसके बाद मामले में आरोपी नंबर 4- रिकार्डर्स एंड मेडिकेयर सिस्टम, पंचकूला के तीन सदस्य राजेश गुप्ता, अभिषेक कौशल और नीरज गुप्ता ने अग्रिम जमानत का आवेदन पेश किया था। मामले की सुनवाई बुधवार को हुई जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। घोटाला मामले में कंपनी की पैरवी अधिवक्ता किशोर भादुड़ी कर रहे हैं।

ACB-EOW की FIR में CGMSC और DHS के अधिकारियों, मोक्षित कॉर्पाेरेशन दुर्ग, CB कॉर्पाेरेशन दुर्ग, रिकॉर्डर्स एंड मेडिकेयर सिस्टम एचएसआईआईडीसी पंचकूला, हरियाणा के साथ श्री शारदा इंडस्ट्रीज, रायपुर एवं अन्य को आरोपी बनाया गया है। इस मेडिकल महाघोटाले में इन पांच संस्था की संलिप्तता पाई गई है और इनके खिलाफ तेजी से जांच चल रही है।
FIR और मौजूदा दस्तावेजों के अनुसार रिकॉर्डर्स एंड मेडिकेयर सिस्टम कंपनी, विभाग के टेंडर में हिस्सा ले चुकी है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग को कुछ उपकरणों की सप्लाई इस कंपनी ने की है। रीजेंट, उपकरण और मशीनों के एक टेंडर प्रक्रिया में मोक्षित कॉर्पाेरेशन, रिकॉर्डर्स एंड मेडिकेयर सिस्टम और श्री शारदा इंडस्ट्रीज ने भाग लिया था लेकिन टेंडर मोक्षित कॉर्पाेरशन को मिला। जांच में यह गौर किया गया कि CGMSC जब भी उपकरणों के मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों के लिए टेंडर जारी करती थी तो मोक्षित कॉर्प. और उसकी दो सहयोगी कंपनी को ही टेंडर समिति अप्रुवल देती थी, जबकि बाकी अन्य कंपनियों को किसी न किसी टेक्निकल पहलू का हवाला देते हुए उन्हें अपात्र घोषित कर दिया जाता था।