रायपुर/बिलासपुर। मस्तूरी ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों से देश के अलग-अलग राज्यों में रोजी की तलाश में 45 हजार श्रमिक गए हैं। जिला प्रशासन ने ब्लॉक के अंतर्गत सरकारी स्कूलों सहित अन्य भवनों को मिलाकर 131 क्वारंटाइन सेंटर बनाया है।

सेंटरों में तकरीबन 22 हजार श्रमिकों को ठहराने की व्यवस्था की गई है। 23 हजार श्रमिकों को कहां ठहराया जाए इसे लेकर जिला प्रशासन के अफसर असमंजस की स्थिति में है।


कोटा ब्लॉक में किया जा सकता क्वारेंटाइन

जिला प्रशासन की नजर कोटा ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों की ओर लगी है। कोशिश है कि शेष 23 हजार श्रमिकों को कोटा ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए सेंटरों में शिफ्ट कर दिया जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सूची में मस्तूरी ब्लॉक रेड जोन में है और कोटा को आरेंज जोन में शामिल किया गया है।

प्रशासनिक अफसरों की चिंता ये कि मस्तूरी ब्लॉक के रेड जोन में आने के बाद यहां के प्रवासी श्रमिकों को कोटा या फिर जिले के किसी भी अन्य ब्लॉक के सेंटरों में क्वारंटाइन किए जाने पर ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ सकता है।

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