नई दिल्ली। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, प्रकाश जावड़ेकर और नरेंद्र तोमर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार के फैसलों की जानकारी दी। यह नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरा होने के बाद पहली बैठक थी।


केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा,’एमएसएमई अभी कठिन दौर से गुजर रहा है।एमएसएमई के छोटे सेक्टर में टर्नओवर की सीमा 50 करोड़ कर दी गई ह
प्रमुख फैसले

25 लाख एमएसएमई के पुनर्गठन की उम्मीद है। 2 लाख एमएसएमई नए फंड से शुरू हो जाएंगे।

एमएसएमई की नई परिभाषा तय करते हुए निवेश और टर्नओवर की लिमिट बढ़ा दी गई है।’

एमएसएमई का देश की जीडीपी में अहम योगदान है। 11 करोड़ से ज्यादा नौकरी एमएसएमई ने दी है।

कृषि लागत और मूल्य आयोग को लेकर सुझाव आए थे, उसे मंजूर कर दिया गया है।’

स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को अमल में लाया गया है। कृषि लागत और मूल्य आयोग की 14 फसलों के लिए सिफारिश आ गई है।

किसानों को राहत देने के लिए 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 50- 83% की वृद्धि।

देश में अबतक 95 लाख मीट्रिक तक धान और 360 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीदी।
‘MSME के लिए 50,000 करोड़ की इक्विटी का प्रस्ताव,इससे संकट में फंसे छोटे उद्योगों को मदद मिलेगी।’

20 करोड़ महिलाओं के खाते में सीधे आर्थिक मदद पहुंचाई गई।

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत एमएसएमई की परिभाषा को बदलने की मंजूदी दी गई है।

20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान संकट में पड़े एमएमएमई के लिए किया गया।

रेहड़ी पटरी वालों के लिए विशेष लोन की व्यवस्था को कैबिनेट की मंजूरी दे दी है। 10 हजार तक का लोन दिया जाएगा।

तीन लाख रुपए तक के लोन पर भुगतान की अंतिम तारीख 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है। किसानों को दी गई छूट के बाद चार प्रतिशत पर लोन मिलेगा।

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