वाशिंगटन। अमेरिका में भारतीय मूल के एक डॉक्टर के नेतृत्व में डॉक्टर्स की एक टीम ने बेहद ही जटिल सर्जरी में कामयाबी पाई है, जहां एक महिला के कोरोनावायरस से पूरी तरह खराब हो चुके फेफड़ों की सर्जरी कर, उसे नए फेफड़े लगाए हैं यानि दोनों फेफड़े ट्रांसप्लांट किए गए हैं। माना जा रहा है कि महामारी शुरू होने के बाद अमेरिका में इस तरह की यह पहली सर्जरी है।

कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए ट्रांसप्लांट ही एक रास्ता

ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि महिला की हालत काफी गंभीर थी और बिना ट्रांसप्लांट के उसे बचाने असंभव था, क्योंकि वो पिछले दो महीनों से दिल और फेफड़ों को चलाने वाले उपकरणों की मदद से ही सांस ले पा रही थी।


डॉक्टर्स की टीम को लीड करने वाले और इस जटिल ऑपरेशन को करने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर अंकित भरत ने कहा कि Covid-19 से गंभीर रूप से बीमार मरीजों को बचाने के लिए ट्रांसप्लांट ही एक सही रास्ता हो सकता है।
मेरठ में जन्मे भरत ने कहा कि ये मेरी अब तक की सबसे कठिन सर्जरी थी और ये सच में काफी मुश्किल थी. दरअसल कोरोनावायरस के कारण होने वाली बीमारी का सबसे ज्यादा असर रेस्पिरेटरी सिस्टम पर होता है, लेकिन साथ ही साथ यह किडनी, दिल, ब्लड वेसल्स और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

बिना ट्रांसप्लांट के नहीं बच सकती थी जान

डॉ. भरत ने कहा, “मैं निश्चित रूप से यह कह सकता हूं कि कोरोना के कारण कई मरीजों को फेफड़े में इतने खराब हो गए होंगे कि वे ट्रांसप्लांट के बिना नहीं चल पाएंगे.” उन्होंने कहा कि इससे कई लोगों की जिंदगी बच सकती है। भरत ने कहा कि उस महिला कि हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि किसी भी तरह की एंटीबायोटिक उस पर काम नहीं करती क्योंकि उसके फेफड़े पूरी तरह से खत्म हो चुके थे। डॉक्टर ने कहा कि जैसे-जैसे महिला के फेफड़े खराब होते गए, उसका दिल भी फेल होने लगा और उसके बाद दूसरे अंगों को भी पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी। बता दें कि इससे पहले 26 मई को ऑस्ट्रिया (Austria) में सर्जनों ने दुनिया की पहली लंग्स ट्रांसप्लांट सर्जरी की थी। कोरोना से ठीक हुई 45 साल की एक महिला की यह सर्जरी की गई थी, उसकी हालत भी काफी गंभीर थी।