नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक बेटे ने अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए लकड़ी के पुतले से शादी कर ली। पहले तो बेटे ने पिता की मांग का विरोध किया था लेकिन बाद में मान गया। पिता का मन रखने के लिए बेटे ने लकड़ी के पुतले के साथ सभी रस्मों के निभाते हुई ब्याह रचाया। संगमनगरी में हुई ये शादी क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई।

यमुनापार के घूरपूर थाना क्षेत्र में मनकवार गांव के मजरा भैदपुर निवासी शिवमोहन (90) के 9 बेटे हैं। सबसे छोटे पुत्र पंचराज की उम्र 32 साल है। पंचराज के सभी भाइयों की शादी हो चुकी है और सभी ने अपनी घर गृहस्थी भी बसा ली है। लेकिन पंचराज की अभी तक शादी नहीं हुई। पिता शिवमोहन की इच्छा थी कि आंखें बंद होने से पहले बेटे की शादी होते देख लूं। पिता की चाहत को देखते हुए परिवार ने लड़की ढूंढना शुरू कर दिया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। अंत में किसी ने सलाह दी कि पंचराज की शादी लकड़ी के पुतले से करा दी जाए, इस तरह पंचराज विवाहित कहलाएगा।

पिता की अंतिम इच्छा की पूरी

पहले पंचराज ने इस फैसले का विरोध किया। लेकिन जब लगा कि इसी खुशी में पिता की अंतिम इच्छा छिपी है तो वह तैयार हो गया।शुभ मुहूर्त निकलवाया गया और पूरे रस्म-ओ-रिवाज के साथ धूमधाम से पंचराज की पुतले से शादी कर दी गई। इस अवसर पर भोज भी आयोजित किया गया। इस शादी के साक्षी बने मनकवार गांव के पूर्व प्रधान राजेश कुमार खन्ना। उन्होंंने बताया कि बेटे ने पिता का मान रखने के लिए और अपने सिर से कुंवारापन दूर करने के लिए वैदिक पुरोहितों से सलाह के बाद ये कदम उठाया है।

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