टीआरपी डेस्क। देश के 8 राज्यों की 19 राज्यसभा सीटों पर वोटिंग होने में महज चंद घंटे शेष रह गए हैं। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के कई बड़े नेताओं के चेहरे दांव पर लगे हैं, इसीलिए दोनों पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है। बीजेपी ने मध्य प्रदेश और गुजरात में कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ दिया है। वहीं, कांग्रेस ने मणिपुर में एनपीपी को मिलाकर बीजेपी के गणित को फेल कर दिया है तो झारखंड में जेएमएम प्रमुख हेमंत सोरेन महागठबंधन की नैया पार लगाने के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की राह मुश्किल

मध्य प्रदेश में तीन राज्यसभा सीटों पर चार प्रत्याशी के मैदान में है. बीजेपी से ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी तो कांग्रेस से दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। कांग्रेस अपने दो में से एक सीट ही जीत सकती है जबकि बीजेपी की दोनों सीटों की राह आसान हो गई है।

गुजरात की चार सीट पर पांच कैंडिडेट

पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृहराज्य गुजरात में चार राज्यसभा सीटों पर पांच प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। बीजेपी की ओर से अभय भारद्वाज और रमीलाबेन बारा के साथ तीसरे कैंडिडेट के तौर पर नरहरी अमीन मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी की साख दांव पर लगी हुई है।

झारखंड में कांटे का मुकाबला

झारखंड की 2 राज्यसभा सीटों पर 3 उम्मीदवार मैदान में है। जेएमएम से शिबू सोरेन, बीजेपी से झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश तो कांग्रेस से शहजादा अनवर किस्मत आजमा रहे हैं। विधायकों के आंकड़े के लिहाज से जेएमएम के शिबू सोरेन की एक सीट पक्की है और दूसरी सीट के लिए कांग्रेस और बीजेपी के बीच शह-मात का खेल जारी है। दोनों पार्टियां आजसू और अन्य विधायकों को साधने में जुटी हैं।

राजस्थान में बीजेपी की बढ़ी टेंशन

राजस्थान की तीन राज्यसभा सीटों पर चार प्रत्याशी चुनावी मैदान में होने के चलते काफी रोचक मुकाबला बन गया है। कांग्रेस की ओर से केसी. वेणुगोपाल के अलावा दूसरे उम्मीदवार नीरज डांगी हैं। वहीं, बीजेपी ने राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को मैदान में उतारा है। एक राज्यसभा सीट के लिए 51 प्रथम वरीयता वाले विधायकों के वोटों की आवश्यकता होती है, ऐसे में कांग्रेस की राह आसान लग रही है। हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस दोनों सतर्क हैं और अपने विधायकों को होटल में रोक रखा है, जिनसे किसी को संपर्क नहीं करने दिया जा रहा।

आंध्र प्रदेश में वाईएसआर का पलड़ा भारी

आंध्र प्रदेश की 4 राज्यसभा सीटों पर पांच प्रत्याशी मैदान में हैं। वाईएसआर कांग्रेस की ओर से पिल्ली सुभाष चंद्रबोस, मोपीदेवी वेंकटरमणास, आल्ला अयोध्या रामीरेड्डी और परिमल नत्वानी मैदान में हैं। वहीं, टीडीपी की ओर से वर्ला रामय्या मैदान में हैं। हालांकि, वाईएसआर की ओर से चौथी सीट के लिए परिमल नत्वानी मैदान में हैं, जिन्हें जगन मोहन रेड्डी ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के अनुरोध पर टिकट दिया है। नत्वानी दो टर्म झारखंड से राज्यसभा सदस्य रहे हैं। परिमल नत्वानी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की शीर्ष कोर टीम में शामिल हैं।

पूर्वोत्तर में भी कड़ा मुकाबला

पूर्वोत्तर के मणिपुर, मेघालय औक मिजोरम की एक-एक राज्यसभा सीटों पर भी चुनाव हो रहे हैं। मेघालय में कांग्रेस के कनेडी कोमेलियस के खिलाफ मेघालय डेमोक्रेटिक गठबंधन से उतरे वंसुख सीम के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।

मणिपुर में बिगड़ा बीजेपी का खेल

मणिपुर की एक राज्यसभा सीट के लिए तीन प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें बीजेपी से तितुलर किंग महाराजा संजाओबा लिसीम्बा, कांग्रेस से पूर्व मंत्री टोंगब्रम मंगिबाबू और नगा पीपुल्स फ्रंट होनरीकुई काशुंग के बीच मुकाबला है। हालांकि, मणिपुर में बीजेपी से तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है और सहयोगी दल एनपीपी, टीएमसी और निर्दलीय सहित 9 विधायक अलग हो गए हैं, जिससे पार्टी का समीकरण गड़बड़ा गया है।

मिजोरम की एक राज्यसभा सीट पर सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) युवा शाखा के पूर्व अध्यक्ष के वनलालवेना मैदान में हैं, जबकि मुख्य विपक्षी दल जेडपीएम ने अपने महासचिव बी लालछानजोवा पर भरोसा जताया है। कांग्रेस ने अपने प्रवक्ता और मीडिया विभाग के अध्यक्ष लल्लियानछुंगा पर दांव लगाया है।