लंदन/नई दिल्ली। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशनने कोविड-19 वैक्सीन्सका ड्राफ्ट लैंडस्केप जारी किया है। इसके मुताबिक, Sars-Cov-2 वायरस जिससे कोरोना वायरस बीमारी होती है, उसके लिए बनी 13 वैक्सीन क्लिनिकल इवैलुएशन की स्टेज में है। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स इंसानों पर वैक्सीन का ट्रायल पहले ही शुरू कर चुके हैं। लंदन के इम्पीरियल कॉलेज की वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल भी जल्द शुरू होने वाला है। इसके अलावा 129 वैक्सीन कैंडिडेट्स ऐसे हैं जिनका अभी प्री-क्लिनिकल इवैलुएशन चल रहा है।


यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफर्ड और AstraZeneca Plc. की एक्सपेरिमेंट वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के फाइनल स्टेज में पहुंच गई है। वह दुनिया की पहली ऐसी वैक्सीन है जो इस स्टेज में पहुंची है। ChAdOx1 nCov-19 वैक्सीन अब 10,260 लोगों को दी जाएगी। इस वैक्सीन का ट्रायल यूनाइेड किंगडम के अलावा साउथ अफ्रीका और ब्राजील में भी हो रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीन बनाने के लिए 100 मिलियन डॉलर इनवेस्ट किए हैं। यह वैक्सीन ChAdOx1 वायरस से बनी है जो सामान्य सर्दी देने वाले वायरस का एक कमजोर रूप है। इसे जेनेटिकली बदला गया है इसलिए यह इंसानों को इन्फेक्ट नहीं करता। अगर ट्रायल सफल रहा तो ग्रुप को उम्मीद है कि वैक्सीन इस साल के आखिर तक लॉन्च हो जाएगी।
ये 13 वैक्सीन सबसे ऐडवांस्ड हैं।
1 – यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफर्ड और AstraZeneca Plc. (फाइनल स्टेज)
2 – बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और कैनसिनो बायोलॉजिकल इंक (स्टेज 2)
3 – नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीजेज (US) और Moderna Inc (स्टेज 2)
4 – वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रॉडक्ट्स और साइनोफार्म (स्टेज 1/2)
5 – बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रॉडक्ट्स/साइनोफार्म (स्टेज 1/2)
6 – साइनोवैक (स्टेज 1/2)
7 – बायोएनटेक/फोसन फार्मा/फिजर प्लैटफॉर्म आरएनए (स्टेज 1/2)
8 – नोवावैक्स (स्टेज 1/2)
9 – चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (स्टेज 1)
10 – इनोवियो फार्मास्यूटिकल्स (स्टेज 1)
11 – गेमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट (स्टेज 1)
12 – इम्पीरियल कॉलेज, लदन (स्टेज 1)
13 – क्योरवैक (स्टेज 1)