नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की मृत्यु (corona virus death rate) की दर दुनिया के दूसरे देशों से भले ही कम है, लेकिन 65 हजार से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भारत में कोविड से मरने वालों में महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की संख्या दोगुने से भी अधिक है। कुल मृतकों में से 69 फीसदी पुरुष हैं। उम्र के लिहाज से देखें तो दम तोड़ने वालों में 90 फीसदी की उम्र 40 से अधिक है।

मरने वाले तीन मरीजों में महिलाओं की हिस्सेदारी एक से भी कम

कोरोना संक्रमण से महिलाएं पुरुषों से बेहतर लड़ रही हैं। कोविड-19 से मरने वाले प्रत्येक तीन लोगों महिलाओं की हिस्सेदारी एक से भी कम है। 22 अगस्त तक जान गंवाने वाले 56,292 लोगों में से 17,315 महिलाएं हैं। अगस्त के तीसरे सप्ताह तक 38,973 पुरुषों की जान गई। जान गंवाने वाले चार लोगों की कैटिगरी अदर्स है। मौतों का यह ट्रेंड उसी अनुरूप है जैसा कि वैश्विक रूप से देखा गया है। कोविड-19 पुरुषों और बुजुर्गों के लिए अधिक घातक साबित हो रहा है।

महिलाओं की मृत्यु दर (corona virus death rate) पुरुषों के मुकाबले तिहाई है। हालांकि, 20 वर्ष तक की आयु में जान गंवाने वाले 599 लोगों में लड़कों और लड़कियों की संख्या लगभग बराबर है। 11-20 आयुवर्ग में मृतकों में 49 फीसदी लड़कियां हैं। कोविड-19 की वजह से जान गंवाने वालों में सबसे कम संख्या 10 वर्ष के कम उम्र के बच्चों की है। वहीं, 90 वर्ष से अधिक उम्र के 301 लोगों की मौत हुई है। कुल मौतों में इनकी हिस्सेदारी 0.5% फीसदी है, यह वैश्विक स्तर से काफी कम है।

इन वजहों से मौत

स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा है, कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने का जोखिम दिल से संबंधित बीमारियों, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी संबंधित बीमारियों और हेल्थ केयर सिस्टम की क्षमता से जुड़ी हुई है। भारत की स्ट्रैटिजी टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट के साथ हेल्थ सिस्टम को मजबूत बनाने की है। इसके साथ ही कोविड वॉरियर्स के कठिन परिश्रम ने मृत्यु दर को 1.7 फीसदी तक कम करने में मदद की है। वैश्विक मृत्यु दर 3.3 फीसदी है।

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