नेशनल डेस्क। कोरोना काल के बीच लद्दाख के पूर्वी हिस्से में भारत-चीनके बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। अब सर्दियों ने भी दस्तक दे दी है और वहां अग्रिम सैन्य ठिकानों पर तैनात जवानों के लिए रसद पहुंचाने का काम पुरजोर से जारी है। सीमा से सटे इलाकों में सैन्य वाहनों की आवाजाही चरम पर है। वहां के इलाकों में रहने वाले लोग भी वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर देख कर अंदाजा लगा लेते हैं कि यह नागरिक वाहन है की सैन्य वाहन। लेकिन सैन्य वाहनों के नंबरों को पढ़ना आसान नहीं होता है।

रक्षा मंत्रालय के तहत ही होता है पंजीकृत

सैन्य वाहनों पर सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स लागू नहीं होते हैं। सैन्य वाहन रक्षा मंत्रालय के अधीन होते हैं और ये रक्षा मंत्रालय के तहत ही पंजीकृत होते हैं। इनका रजिस्ट्रेशन नंबर भी बेहद खास होता है, जिसे पढ़ना आसान नहीं होता है। साथ ही, नागरिक वाहनों में केवल पंजीकरण संख्या लिखी होती है, जबकि सैन्य वाहनों में पूरी डिटेल्स होती है।

ऊपर की तरफ तीर का निशान

सैन्य वाहनों पर एक ऊपर की तरफ तीर का निशान होता है, जिसे ‘ब्रॉड एरो’ कहा जाता है। इसे अंग्रेजों के जमाने से ही इस्तेमाल किया जाता रहा है, जिसका मतलब होता है कि यह सरकारी संपत्ति है। ब्रिटिश कॉमनवैल्थ देशों में आज भी इसका प्रचलन है। इस तीर के निशान का फायदा यह होता है कि नंबर गलत नहीं पढ़ा जाता। अगर नंबर प्लेट उलट भी जाए तो तीन के आगे से ही उसे पढ़ा जाएगा।

तीर के आगे दो अंक

तीर के आगे दो अंक लिखे होते हैं, जो पंजीकरण वर्ष को दर्शाते हैं। उसके आगे ‘बेस कोड’ होता है। बेस कोड के बाद सीरियल नंबर या व्हीकल का नंबर लिखा होता है। सीरियल नंबर के बाद व्हीकल की क्लास लिखी होती है। जहां आम नागरिक वाहनों में आगे और पीछे की तरफ सफेद, पीले या हरे रंग की प्लेट लगी होती है। वहीं सैन्य वाहनों की नंबर प्लेट का बैकग्राउंड हरा या काला होता है, जिन्हें अधिकारी इस्तेमाल करते हैं। वहीं इन वाहनों में होने वाले मॉडिफिकेशंस पर मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं होता है। 

सैन्य वाहनों पर पीले रंग के गोले में रहता है नंबर

आगे की तरफ यूनिट का प्रतीक चिन्ह और यूनिट की गाड़ी का नंबर लिखा होता है। बड़े सैन्य वाहनों पर पीले रंग के गोले में अंक लिखे होते हैं, जो उसकी क्षमता को दर्शाते हैं। यानी कि गाड़ी कितने टन का वजन सह सकती है। आमतौर पर सैन्य वाहन का रंग हरा (ओलिव ग्रीन) होता है, कहीं कई बार गाड़ी पर कैमुफ्लैग (जंगल) रंग भी होता है, जो दर्शाता है कि वे फारवर्ड पोजिशन में तैनात हैं।
 

नंबर प्लेट्स के ऊपर स्टार्स अंकित होते हैं


अगर ऑफिसर की गाड़ी है तो इन नंबर प्लेट्स के ऊपर स्टार्स अंकित होते हैं, जिन पर उनकी रैंक लिखी होती है। इनमें रेड प्लेट सेना के लिए, नेवी ब्लू प्लेट एयर फोर्स के लिए और स्काई ब्लू प्लेट नेवी की होती है। ब्रिगेडियर स्तर पर 1-स्टार लगा होता है। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की लाल रंग की प्लेट पर 4-स्टार लगे होते हैं। वहीं चीफ ऑफ नेवल और चीफ ऑफ एयर स्टाफ की गाड़ी पर 4-स्टार होते हैं। जबकि फील्ड मार्शल, एडमिरल ऑफ द फ्लीट और एयर फोर्स मार्शल की गाड़ी पर 5-स्टार लगे होते हैं।      

सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स का होता है पालन

पूर देशभर में आम नागरिक मोटर वाहनों का रजिस्ट्रेशन रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस की तरफ से किया जाता है। नंबर वाहन के आगे और पीछे की तरफ लगाए जाते हैं। इन वाहनों पर सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स का पालन करना पड़ता है, जो केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से जारी किए जाते हैं।

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