टीआरपी डेस्क। देश में इन दिनों बहुमत की सरकार है। बीजेपी लगातार दूसरी बार बहुमत के साथ सत्ता में काबिज है। सूत्रों के अनुसार 2030 तक बीजेपी और आरएसएस ( BJP and RSS ) पूरे देश में अकेले दम पर चुनाव लड़ने का प्लान बना रही है। हालाँकि बीते 3 सालों में पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से बीजेपी को हाथ भी धोना पड़ गया है। इससे सबक लेते हुए बीजेपी और आरएसएस अब और ताकत के साथ आने वाले 10 सालों में चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

देखिये, देश में बीजेपी समेत तमाम पार्टियों की हालत


9+5=14 राज्यों में बहुमत का लक्ष्य साधना होगा
बीजेपी ( भाजपा और आरएसएस ) के सामने वर्तमान में 14 राज्यों के रूप में बड़ी चुनौती सामने है। इनमें भी 5 ऐसे राज्य हैं जहाँ क्षेत्रीय पार्टियों की जड़ें बहुत मजबूत मानी जाती रही हैं। ये हैं वो 5 राज्य- केरल, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश।
देखिये अभी तक यहाँ बीजेपी की क्या हालत रही-
1. केरल विधान सभा चुनाव 2016 (कुल सीट 140)
लेफ्ट 91
कांग्रेस 47
भाजपा 1
अन्य 1
अगला चुनाव 2021 में
2. ओडिशा विधान सभा चुनाव 2019 (कुल सीट 147)
बीजू जनता दल 112
कांग्रेस 9
बीजेपी 23
अगला चुनाव 2024 में
3. आंध्र प्रदेश विधान सभा चुनाव 2019 (कुल सीट 175+1)
वाईएसआरसीपी 151
टीडीपी 23
अन्य 1
कांग्रेस 0
बीजेपी 0
अगला चुनाव 2024 में
4. तेलंगाना विस चुनाव परिणाम 2018 (कुल सीट 119)
टीआरएस 88
कांग्रेस 21
एआईएमआईएम 7
अन्य 2
बीजेपी 1
अगला चुनाव 2023 में
5. प.बंगाल विस चुनाव परिणाम 2016 (कुल सीट 294+1)
टीएमसी 211
लेफ्ट + कांग्रेस 76
भाजपा 3
अन्य 4
अगला चुनाव 2021 में
…इन 9 राज्यों में वापसी करनी होगी बीजेपी को
1. पंजाब विधान सभा चुनाव परिणाम 2017 (कुल सीट 117)
कांग्रेस 77
आम आदमी पार्टी 20
शिरोमणि अकाली दल 15
भारतीय जनता पार्टी 03
लोक इंसाफ पार्टी 02
अगला चुनाव 2022 में
2. राजस्थान विस चुनाव परिणाम 2018 (कुल सीट 200)
कांग्रेस 100
बीजेपी 73
अन्य 20
बीएसपी 6
अगला चुनाव 2023 में
3. कर्नाटक विस चुनाव परिणाम 2018 (कुल सीट 225)
भाजपा 104
कांग्रेस 78
जनता दल (सेक्युलर) 37
निर्दलीय 1
बसपा 1
केपीजेपी 1
अन्य 0
अगला चुनाव 2023 में
4. बिहार विधान सभा चुनाव परिणाम 2014 (कुल सीट 243)
कांग्रेस 27
बीजेपी 53
जनता दल (यूनाइटेड) 71
राष्ट्रीय जनता दल 80
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी 2
लोक जन शक्ति पार्टी 2
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया 3
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा 1
निर्दलीय 4
अगला चुनाव 2020 में
5. झारखण्ड विस चुनाव परिणाम 2019 (कुल सीट 81+1)
भाजपा 25
झामुमो 30
कांग्रेस 16
झाविमो 03
अन्य 07
अगला चुनाव 2024 में
6. दिल्ली विधान सभा चुनाव परिणाम 2020 (कुल सीट 70)
आप 62
बीजेपी 8
कांग्रेस 0
अन्य 0
अगला चुनाव 2025 में
7. छत्तीसगढ़ विस चुनाव परिणाम 2018 (कुल सीट 90)
कांग्रेस 68
बीजेपी 15
बसपा 7]
अगला चुनाव 2023 में
8. महाराष्ट्र विस चुनाव परिणाम 2019 (कुल सीट 288)
भाजपा 123
शिवसेना 63
कांग्रेस 42
राकांपा 41
अन्य 19
अगला चुनाव 2024 में
9. तमिलनाडु विस चुनाव परिणाम 2016 (कुल सीट 234+1)
इंडियन नेशनल कांग्रेस 8
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम 134
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम 89
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग 1
अगला चुनाव 2021 में
…और 230 सीटों वाली मप्र के उपचुनाव में कुछ भी संभव है
28 सीटों पर होने वाले उप चुनाव के बाद मध्य प्रदेश की सियासी तस्वीर फिर बदल सकती है। अगर इस बार कांग्रेस आधी से ज्यादा सीटें जीत जाती है तो फिर से वो गेम चेंजर की स्थिति में आ सकती है। इसलिए सीएम शिवराज को अपनी कुर्सी बचाने के लिए पूरा जोर लगाना होगा। बता दें कि 28 में से 27 सीटें कांग्रेसी और 1 सीट बीजेपी प्रभुत्व वाली रही हैं।
कश्मीर से धारा 370 और उत्तर प्रदेश में राम मंदिर का मसला सुलझाने के बाद अभी भी बीजेपी की राह में एनआरसी, CAA, जनसंख्या नियंत्रण कानून, आरक्षण जैसे मुद्दे बचे हुए हैं। अब देखना ये है कि देश की जनता को नाराज किये बिना बीजेपी कैसे इन बाधाओं को पार कर पाती है।
क्या विपक्ष को बौना कर देना चाहती है बीजेपी ?
जिस तरह बीजेपी ने पहले केंद्र और फिर यूपी चुनाव में एकतरफा जीत हासिल की है उससे लगता है कि आने वाले चुनावों में भी बीजेपी क्लीन स्वीप करने के मूड में है। वैसे भी हर राजनितिक पार्टियों की यही ख्वाहिश होती है कि वे ज्यादा से ज्यादा सीटें अपने पाले में ला सकें। लेकिन बात अगर स्वस्थ लोकतंत्र की करें तो एकतरफा जीत भी हानिकारक हो सकती है। न के बराबर का विपक्ष सत्ताधारी दल को निरंकुश बना सकता है। जो जनतंत्र, लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। सत्ता में चाहे जो भी पार्टी रहे लेकिन दूसरी प्रमुख पार्टियों का एक मजूबत विपक्ष के रूप में मौजूद रहना जरुरी है। ऐसे में आने वाला समय सभी राजनितिक दलों की परीक्षा का होगा। उन्हें खुद के अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ना होगा। उन्हें लोकतंत्र के लिए लड़ना होगा।
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें The Rural Press की सारी खबरें।