टीआरपी डेस्क। केंद्र सरकार ने आईएएस अफसरों के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेजने के लिए जो प्रारूप तैयार किया था, उसके तहत राज्य काम नहीं कर रहे हैं। अनेक राज्यों ने आईएएस अफसरों के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेजने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इतना ही नहीं, नए प्रारूप में रिपोर्ट भेजने से अधिकांश राज्य बचते हुए नजर आए। इसके चलते संबंधित अधिकारियों के खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं हो सकी।

दोबारा राज्य सरकारों को भेजना पड़ा पत्र

भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ‘डीओपीटी’ को अब दोबारा से सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों को वह पत्र भेजना पड़ा है, जिसमें आईएएस अधिकारियों के खिलाफ होने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई के नए प्रारूप की जानकारी दी गई थी। इससे पहले डीओपीटी ने पांच अगस्त को यह पत्र भेजा था।

राज्यों ने आईएएस के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेजने में ढिलाई बरती

डीओपीटी से मिल रही जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्रालय और राज्य सरकारें, अभी तक पुराने प्रारूप में ही शिकायतें और फाइनल जांच रिपोर्ट भेजते रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान विभिन्न राज्यों ने आईएएस के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेजने में ढिलाई बरती है। कई राज्य, जिन्होंने एक आध जांच रिपोर्ट भेजी तो उसकी फाइल इतनी मोटी थी कि उसे पढ़ना मुश्किल हो गया। जांच रिपोर्ट वाली फाइल में सैकड़ों की संख्या में पन्ने जुड़े हुए थे। इसे किस तरह पढ़ा जाए, डीओपीटी के सामने यह दिक्कत आ गई। केस का अंतिम निपटारा होने तक केस की फाइल को कई टेबल से गुजरना होता है। 

जांच रिपोर्ट भेजेंगे तो चार तरह के प्रारूप का करना होगा इस्तेमाल

इसी दिक्कत से बचने के लिए डीओपीटी ने केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और सभी राज्य सरकारों एवं संघ क्षेत्रों के प्रशासकों को जांच रिपोर्ट भेजने का एक निर्धारित प्रारूप भेजा था। इसमें कहा गया था कि जब भी कोई मंत्रालय या राज्य ‘डीओपीटी’ को आईएएस अधिकारी की जांच रिपोर्ट भेजेंगे तो उन्हें इसके लिए चार तरह के प्रारूप का इस्तेमाल करना होगा। इन्हीं में समस्त जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी। इन प्रारूप में जांच से जुड़े तथ्य लिखने के लिए शब्दों की एक सीमा भी तय की गई थी। ज्यादातर कॉलम ऐसे थे, जिनमें हां या ना में जवाब देना था। इस प्रक्रिया में अनावश्यक फाइलों का बोझ कम हो जाता है। असामान्य और अकथनीय देरी से निजात मिलती है।

डीओपीटी ने दोबारा भेजा रिमाइंडर

अब 15 अक्तूबर को डीओपीटी ने दोबारा से रिमाइंडर भेजकर आईएएस अफसरों के खिलाफ आने वाली शिकायतें और जांच रिपोर्ट, नए प्रारूप में भेजने के लिए कहा है। इसमें जांच से जुड़े तमाम तथ्य शामिल रहते हैं। मौखिक जानकारी को भी इसमें शामिल किया जाता है। जांच करने वाले अधिकारी के अलावा जांच करने का आदेश किसने और किन परिस्थितियों में जारी किया है, ये सब जानकारी नए प्रारूप में दी जाती है।

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