नई दिल्ली। (National highways) देश में बनाए जा रहे राष्ट्रीय राजमाार्गों को सुरक्षित, टिकाऊ और गुणवत्तापरक बनाने के लिए सरकार निजी विशेषज्ञों (private consultants) की टीम की तैनाती करने जा रही है। यह टीम राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना की प्री फिजिबिलटी अध्ययन, डीपीआर, सड़क निर्माण से पूर्व की गतिविधियों व निर्माण के बाद पर्यवेक्षण का काम करेगी।

यह पॉयलेट प्रोजेक्ट एक साल के लिए शुरू किया जा रहा है। सफलता मिलने पर इसे देशभर की सभी सड़क परियोजनाओं पर लागू किया जाएगा। राजमार्ग क्षेत्र में इस नई व्यवस्था के लागू होने से सड़क परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के जरिए मोटी कमाई पर अंकुश लगेगा और लोगों को अच्छे राजमार्ग मिलेंगे।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रायल ने 22 अक्तूबर को राज्य सरकारों, एनएचएआई, एनएचएआईडीसीएल, बीआरओ, पीडब्ल्यूडी आदि को पत्र भेजा है। इसमें उल्लेख है कि एक हजार करोड़ लागत की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं, पुल व टनल परियोजनाओं के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (पीएमसी) व्यवस्था लागू करने की प्रक्रिया शुरू करें।

पीएमसी नियुक्त करने के लिए एजेंसियां जल्द से जल्द प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरपीएफ) जारी करें। एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राजमार्ग परियोजनाओं में फिजिबिलटी अध्ययन, डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने व राजमार्ग निर्माण के बाद पर्यवेक्षण कंसल्टेंट अलग-अलग नियुक्ति किए जाते हैं।

ये है सरकार का प्लान

नई व्यवस्था में यह सभी काम एक पीएमसी को दिया जाएगा। जोकि राजमार्ग परियोजना का शुरू से लेकर आखिर तक का काम देखेगी। इससे सड़क सुरक्षा की अनदेखी, राजमार्ग डिजाइन में त्रुटि, घटिया निर्माण कार्य, वन-पर्यावरण मंजूरी, जनसुविधाएं हस्तांतरण आदि समस्या के लिए उक्त पीएमसी जवाबदेह होगी। एक दूसरे पर दोषारोपण नहीं किया जा सकेगा।

पीएमसी अपनी रिपोर्ट सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजेगी। जहां मंत्रालय के इंजीनियर इसकी समीक्षा करेंगे। उन्होंने बताया कि एक साल के लिए शुरू किए जा रहे पॉयलेट प्रोजेक्ट को सफलता मिलने पर इसे सभी सड़क परियोजनओं के लिए लागू करने के आदेश जारी किए जाएंगे।

पीएमसी में होगी काबिल इंजीनियरों की टीम

सरकार ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (पीएमसी) में सड़क निर्माण से जुड़े क्षेत्रों के दक्ष और काबिल इंजीनियर व तकनीकी जानकारों को नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। इसमें सड़क परियोजना में फिजिबिलटी अध्ययन, डीपीआर, निर्माण पूर्व गतिविधयों व निर्माण के बाद पर्यवेक्षण के दौरान टीम के कितने सदस्य तैनात रहेंगे इसका भी प्रावधान किया गया है।

पीएमसी में निर्माण प्रबंधन के लिए सीनियर हाईवे इंजीनियर, जियो टेक्निकल इंजीनियर, परिवहन इंजीनियर, संरचनात्मक इंजीनियर, पुल-टनल इंजीनियर, ट्रैफिक सेफ्टी विशेषज्ञ, सामग्री इंजीनियर, पर्यावरण विशेषज्ञ, भूमि विशेषज्ञ, जनसुविधएं विशेषज्ञ आदि की तैनाती व समय का उल्लेख है।

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