टीआरपी डेस्क। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक की सार्वजनिक नीति मामलों की प्रमुख अंखी दास ( Facebook India Policy Head Aankhi Das ) ने पद से इस्तीफा दे दिया। सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों पर रोक लगाने के मामले में कथित तौर पर पक्षपात बरतने को लेकर विवादों में थी।

फेसबुक के भारत में प्रबंध निदेशक अजीत मोहन ने ई-मेल के जरिए बयान में कहा, अंखी दास ने फेसबुक में अपने पद से हटने का निर्णय किया है। उन्होंने जन सेवा में अपनी रुचि के अनुसार काम करने के लिए यह कदम उठाया है।

आरोप लगने के ढाई माह बाद इस्तीफा

अंखी दास ( Facebook India Policy Head Aankhi Das ) पर आरोप थे कि उन्होंने भाजपा और अन्य दक्षिण पंथी संगठनों के नफरत फैलाने वाले बयानों पर रोक लगाने से जुड़े नियमों को लागू करने का कथित रूप से विरोध किया था। उन पर ये भी आरोप लगे थे कि उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों के फेसबुक ग्रुप पर कई साल तक भारतीय जनता पार्टी के समर्थन में संदेश पोस्ट किए।

चालीस से अधिक मानवाधिकार संगठनों और इंटरनेट पर नजर रखने वाले संगठनों ने फेसबुक से दास को तब तक छुट्टी पर भेजने को कहा था।

इस तरह शुरू हुआ विवाद

15 अगस्त को वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि अंखी दास ने भाजपा अैर अन्य हिंदू संगठनों से जुड़े नेताओं के नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों के खिलाफ कार्रवाई को बाधित किया। रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के एक दिन पहले दास ने लिखा था, हमने उनके सोशल मीडिया अभियान की हवा निकाल दी और बाकी निश्चित रूप से इतिहास है।

उन्होंने यह भी लिखा कि नरेंद्र मोदी मजबूत नेता हैं, जिन्होंने पूर्व सत्तारूढ़ दल के किले को ध्वस्त कर दिया। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अंखी दास ने 2012 के विधानसभा चुनावों के लिये भाजपा को सोशल मीडिया अभियान के लिये प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण के बाद उन्होंने लिखा, ‘हमारे गुजरात अभियान में सफलता।’

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