नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway), दर्जा प्राप्त राज्य राज्यमार्ग व जिला सड़कों के बनने में आ रहीं अड़चनों को दूर कर दिया है। इसके तहत सरकार ने पहली बार राज्य सड़कों को दो लेन राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दील करने की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू कर दी है।

इस नई व्यवस्था से केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों की जवाबदेही तय हो जाएगी। केंद्रीय एजेंसियों को राज्यों की सड़कों का समयबद्ध हस्तांतरण होने से समय पर निर्माण कार्य व परियोजना को पूरी किया जा सकेगा।

26 अक्तूबर को भेजा गया एसओपी संबंधी सभी निर्देश

सड़क परिवहन मंत्रालय ने 26 अक्तूबर को एसओपी संबंधी निर्देश सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों व संबंधित विभागाध्यक्षों को भेज दिया है। इसमें उल्लेख है कि पिछले छह साल में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड आदि राज्यों की 10,000 किलोमीटर सड़कों को नए राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की घोषणा हो चुकी है।

इसमें राज्यों के राज्य राजमार्ग, जिला सड़कें व दूसरी संपर्क सड़कों को दो लेन राष्ट्रीय राजमार्ग में विकसित किया जाएगा। हालांकि, राज्य सरकारों की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) दर्जा प्राप्त सड़कों में से अधिकांश केंद्रीय एजेंसियों एनएचएआई, एनएचएआईडीसीएल, बीआरओ व मंत्रालय को नहीं सौपी गई हैं।

बता दें कि 10,000 किलोमीटर सड़कों के अधर में लटकने के कारण उनकी मरम्मत व रखरखाव का काम राज्यों की एजेंसियों द्वारा नहीं किया जा रहा है। सालों से ऐसी स्थिति होने के कारण सड़कें जर्जर हो गई हैं।

मंत्रालय ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि खराब सड़कों को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं और जनता में सरकार की आलोचना हो रही है, इसलिए एसओपी की नई व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।

इसके साथ ही राज्यों को निर्देश दिए हैं कि सड़कों के मरम्मत कार्य को तब तक जारी रखा जाए, जब तक उन्हें केंद्रीय एजेंसियों को नहीं सौंप दिया जाता है। कुछ सड़कों को विकसित करने के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट, डीपीआर तैयार की गई हैं। उनका भुगतान किया जाए।

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