उचित शर्मा
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार अब क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस कर रही है। प्रदेश के 28 जिलों व ब्लाकों मेें खोले जा रहे स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम ( swami atmanand english medium school ) स्कूलों को इसकी शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की थीम पर काम को तेजी आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ड्रीम प्रोजेक्ट में आम छत्तीसगढ़िया शामिल हैं। यही वजह है कि प्रदेश के 28 जिलों व ब्लाकों मेें खोले जा रहे सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों ( Government English Medium School ) में गरीब परिवार के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का उनका सपना आने वाले दिनों में प्रदेश के शिक्षा जगत में कायाकल्प के तौर पर माना जा सकता है।
इससे प्रदेश के गरीब छात्र न केवल अंग्रेजी माध्यम ( English Medium Schools ) में शिक्षा ले सकेंगे वरन विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा में पास आउट होकर समाज में सम्मान के साथ अपने और परिवार के भरणपोषण में भी सक्षम हो सकेंगे। अभी तक प्राइमरीस्तर पर सरकारी स्कूलों में इंग्लिश माध्यम से शिक्षा देने की कोई योजना नहीं थी। केवल 6वीं कक्षा से ही सरकारी स्कूलों के बच्चे ABCD… सीख पाते थे। जैसे-तैसे 8वीं पास होते ही आगे की पढ़ाई के लिए उनके सामने हिन्दी माध्यम में पढ़ाई पूरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता था।
इसका एक बड़ा कारण ये रहा कि सरकारी स्कूलों ( government schools ) में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने वाले प्रशिक्षित शिक्षकों की संख्या पर्याप्त की कमी। यही वजह रही कि वे आगे की पढ़ाई पूरी करने के वावजूद प्रतियोगी परीक्षा में पीछे रह जाते थे। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस महसूस किया और अब स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों ( swami atmanand english medium school ) के माध्यम से इन बच्चों को प्राइमरीस्तर से अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा देने का फैसला लिया है, ताकि वे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा में सफल हो सकें।
अगले साले से सभी 148 ब्लाकों में इंग्लिश स्कूल हो जाएंगे शुरु
छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना को आलीजामा पहनाने में जिम्मेदारी सरकार ने शिक्षा सचिव डॉ. आलोक शुक्ला को सौंपी है। कोरोना काल में जब पूरा प्रदेश लॉकडाउन से जूझ रहा था तब डॉ. आलोक शुक्ला ने प्रदेश के 28 जिलों को दौरा कर इन स्कूलों के संचालन के लिए जो हौसला दिखाया, उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश में 51 सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू हो गए हैं। वहीं अगले साले से सभी 148 ब्लाकों में इंग्लिश स्कूल शुरु हो जाएंगे।
दरअसल डॉ आलोक शुक्ला आईएएस में आने से पहले एबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। उच्च शिक्षा के प्रति उनका रुझान किसी से छिपा नहीं है। कलेक्टर पद रहते हुए उन्होंने बच्चों को स्कूलों में जाकर पढ़ाने का काम नहीं छोड़ा। शायद यही वजह है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें प्रदेश में सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों ( government english medium schools ) के संचालन की अहम जिम्मेदारी सौंपी है।
सही मायने में कहें तो छत्तीसगढ़ के सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों ( chhattisgarh government english medium schools ) में आम छत्तीसगढ़िया बच्चों की पढ़ाई का सपना अब पूरा होता दिख रहा है या कहेें कि सरकार अपने सीमित संसाधनों से हौसलों की नई उड़ान भरने का तैयार है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल देश-विदेशों में शिक्षा जगत के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।