रायपुर। दीपावली में इस बार गोबर से बने दीये घर-आंगन को रोशन करेंगे। गोबर से बनने वाले आकर्षक दिये महिलाओं को आत्मनिर्भर भी बना रहे हैं। रंग-बिरंगे गोबर के दीये कम समय में ही लोगों को पसंद आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों में तेजी से इनकी बिक्री हो रही है।

राजधानी से लगे फुंडहर में महिलाएं गोबर से दिए बना आत्मनिर्भरता की ओर अपना कदम बढ़ा रही हैं। कुछ समय पहले तक यहां महिलाएं खेतों में काम करतीं, घर संभालतीं और गोठान में गाय का गोबर उठाते नजर आती थीं। इन्हीं महिलाओं ने गाय के गोबर को अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत करने का जरिया बना लिया है।

पहल सामाजिक विकास संस्था के तहत फुंडहर नगर निगम जोन क्रमांक 9 के गौठान में मां मरियम स्व-सहायता समूह की 11 महिलाएं गोबर से आकर्षक दीए बनाने के साथ-साथ कई तरह की कलात्मक चीजें बना रही हैं। यह प्रयास सफल रहा और अब महिलाएं इस अनोखी कलाकारी के जरिए आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं। खास कलात्मकता से सजी इन चीजों की कीमत भी बेहद कम है। फिलहाल इस समूह को 4 हजार दीए बनाने का ऑर्डर मिला है। जिनमें 1250 दीए बनाए जा चुके हैं।

गाय के गोबर में गोंद मिलाकर बनाते हैं दीये

महिलाओं ने बताया कि करीब ढाई किलो गोबर के पाउडर में एक किलो प्रीमिक्स व गोंद मिलाते हैं। गीली मिट्टी की तरह सानने के बाद इसे हाथ से खूबसूरत आकार दिया जाता है। इसके बाद इसे दो दिनों तक धूप में सुखाने के बाद अलग-अलग रंगों से सजाया जाता है।

पहल समाजिक विकास संस्थान के तहत संचालित गोठान के संचालक विक्रांत शर्मा ने बताया कि स्वसहायता समूह को 4000 दीये बनाने के ऑर्डर हैं। इको फ्रेंडली होने के चलते जिले से इन दीये की मांग आ रही है। इस बार दीपावली पर गोबर से बने इकोफ्रैंडली दीयों से हजारों घर रोशन होंगे। इस गोठान का जायजा नगर निगम आयुक्त सौरभ कुमार, अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्या व जोन कमिश्नर 9 संतोष पांडेय भी ले चुके हैं। आयुक्त सौरभ कुमार ने महिलाओं द्वारा किए जा रहे प्रयास की सराहना भी की है।

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