नई दिल्ली। सरकार ने संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) के डीबीएस बैंक इंडिया लि. (dbs bank ) में विलय को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा सरकार ने जमाकर्ताओं के लिए बैंक से निकासी की सीमा को भी हटा लिया है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि मंत्रिमंडल ने एलवीबी के डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (DBS) में विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से जहां बैंक के 20 लाख जमाकर्ताओं को राहत मिलेगी, वहीं 4,000 कर्मचारियों की सेवाएं भी सुरक्षित रहेंगी।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने ट्वीट किया और लिखा कि मंत्रिमंडल ने लक्ष्मी विलास बैंक ( Lakshmi Vilas Bank ) के डीबीएस बैंक इंडिया में विलय की योजना को मंजूरी दे दी है। इसके साथ अब जमाकर्ताओं पर बैंक से निकासी को लेकर अब कोई अंकुश नहीं रहेगा। मंत्री ने कहा कि एलवीबी की वित्तीय सेहत को खराब करने वाले लोगों को दंडित किया जाएगा।

बता दें कि इससे पहले सरकार ने 17 नवंबर को रिजर्व बैंक को संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक ( Lakshmi Vilas Bank ) पर 30 दिन की रोक की सलाह दी थी। साथ ही प्रत्येक जमाकर्ता 25,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की गई थी। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कंपनी कानून, 2013 के तहत एलवीबी के डीबीआईएल में विलय की योजना का मसौदा भी सार्वजनिक किया था।

केंद्रीय बैंक ने एलवीबी के बोर्ड को भंग कर दिया था और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टी एन मनोहरन को 30 दिन के लिए बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था।

कैबिनेट के अन्य फैसले

कैबिनेट के अन्य फैसलों के बारे में प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रिमंडलीय समिति ने एटीसी टेलीकॉम कंपनी की करीब 12 प्रतिशत शेयर खरीदने के लिए एटीसी एशिया पैसिफिक के 2,480 करोड़ रुपये के एफडीआई प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना निधि द्वारा प्रायोजित एनआईआईएफ ऋण मंच में सरकार द्वारा 6,000 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश को मंजूरी दी है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और व्हाट्सप्प पर…