नई दिल्ली। Covaxine Medical magazine The Lancet भारत में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। इनमें से भारत बोयोटेक कोवैक्सीन पूरी तरह स्वदेशी टीका है लेकिन, देशभर में लोग इस टीके को लेने से डर रहे हैं।

स्वास्थ्यकर्मी भी इस टीके के प्रभाव को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। हालांकि, भारत में बनी इस वैक्सीन को लेकर अब एक खुशखबरी आई है। कोवैक्सीन के पहले चरण के नतीजों को मशहूर मेडिकल पत्रिका दि लांसेट में छापा गया है जिसके मुताबिक, इस वैक्सीन ने किसी भी गंभीर दुष्प्रभाव के बिना प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाया है।

एक पोर्टल मिडिया के अनुसार कोवैक्सीन से होने वाली परेशानियों में पहले नंबर पर इंजेक्शन की जगह होने वाला दर्द, फिर सरदर्द और बुखार, थकान शामिल थे। भारत बायोटेक की जॉइनिंग डायरेक्टर सुचित्रा एल्ला ने इस मौके पर कहा है कि कोवैक्सीन भारत की ऐसी पहली वैक्सीन है जिसका डेटा लांसेट में छपा है।

लांसेट के अध्ययन में कहा गया है कि बीबीवी152 कोड नाम की वैक्सीन सभी डोज ग्रुप में अच्छे से सहन की गई। इसमें टीके से संबंधित कोई गंभीर घटना भी सामने नहीं आई।

पूरी तरह सुरक्षित

बायोटेक इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि हर वैक्सीन के लगने पर दर्द और बुखार की शिकायत होती है, लेकिन अभी तक कोवैक्सीन में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है जिसे ट्रीटमेंट की जरूरत हो, और ये पूरी तरह सुरक्षित है।

कोवैक्सीन की जिस बात को लेकर सबसे ज्यादा निंदा हो रही थी वो ये कि जब इसमें आपात इस्तेमाल की मंजूरी का आवेदन दिया तो इसका कोई भी डेटा सार्वजनिक नहीं था। लांसेट में छपने के बाद सुचित्रा एल्ला ने ट्वीट कर कहा कि भारत के इनोवेशन को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली है।

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