टीआरपी डेस्क। गुरुवार को केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध पर ममता बनर्जी की सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया। जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम सभी किसानों के साथ हैं और चाहते हैं कि नए कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। मोदी सरकार दिल्ली की हालात ठीक से नहीं संभाल पायी। वहां जो कुछ भी हुआ, उसके लिए भाजपा ही जिम्मेदार है। पहले दिल्ली संभालिए, फिर बंगाल के बारे में सोचिएगा।

बंगाल विधानसभा में लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ममता ने कहा कि दिल्ली की स्थिति से पुलिस नहीं निपट पाई। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो दिल्ली में हुआ, अगर वह बंगाल में होता तो अमित भैया कहते, “क्या हुआ?” हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।

ममता ने कहा- ‘कानून वापस लो या कुर्सी छोड़ दो’

ममता ने आगे कहा- हम चाहते हैं कि इन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। उन्होंने साफ कहा कि या तो आप कानून वापस ले लें या कुर्सी छोड़ दें। यह काफी दुख की बात है कि अगर कोई आंदोलन करता है तो उन्हें आतंकवादी की संज्ञा दे दी जाती है। बलपूर्वक आंदोलन को खत्म किया जा रहा है।

गौरतलब है की ममता तीनों कृषि कानूनों का पुरजोर रूप से विरोध कर रही हैं। राज्य सरकार की ओर से संसदीय कार्य और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ सदन में प्रस्ताव पेश किया।

संबोधन के दौरान लगाए गए ”जय श्रीराम” के नारे

प्रस्ताव पेश होते ही इसके समर्थन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जैसे ही संबोधन देना शुरू किया। बीजेपी विधायकों ने विरोध प्रदर्शन, हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दिया। इस दौरान भाजपा विधायकों ने विधानसभा में जमकर जय श्रीराम के नारे लगाए गए। फिर नारेबाजी करते हुए बीजेपी विधायक सदन से वाकआउट कर गए।

हालांकि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने भी तैयारी शुरू कर दी है। अब तक कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के बीच 193 सीटों पर सहमति बन चुकी है। जिसमे 101 पर लेफ्ट पार्टियां और 92 पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। फिलहाल राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि बाकी सीटों के लिए अगली बैठक में फैसला किया जाएगा।

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