पीएम मोदी ने इंडिया टॉय फेयर का किया उद्घाटन, कहा- पैरेंट्स बच्चों के साथ पढ़ाई में हिस्सा होते हैं, वैसे ही खेल में भी शामिल हों
पीएम मोदी ने इंडिया टॉय फेयर का किया उद्घाटन, कहा- पैरेंट्स बच्चों के साथ पढ़ाई में हिस्सा होते हैं, वैसे ही खेल में भी शामिल हों

नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंडिया टॉय फेयर 2021 का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया। टॉय फेयर 2021 आज से 2 मार्च तक चलेगा। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवारों में प्ले टाइम की जगह स्क्रीन टाइम ने ले ली है। खिलौनों का वैज्ञानिक पहलू समझना चाहिए। स्कूल में इस पर प्रयोग करना चाहिए।

हमारी नई शिक्षा नीति में प्ले आधारित शिक्षा को शामिल किया गया है। इसमें बच्चों में पहेलियों और खेलों के माध्यम से तार्किक क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। सभी माता-पिता से अपील है कि बच्चों के साथ पढ़ाई में हिस्सा होते हैं, वैसे ही खेलों में शामिल होए।

खिलौना कारोबारियों को नए-नए खिलौने बनाने का आह्वान

इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने खिलौना कारोबारियों के साथ बातचीत की। साथ ही खिलौना कारोबारियों को समय के साथ रुचिकर और बच्चों की जरूरतों के लिहाज नए-नए खिलौने बनाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि परंपरागत खिलौने तो ठीक हैं लेकिन नए जमाने के लिहाज से खिलौने में बदलाव किए जाएं तो बच्चे उसे ज्यादा पसंद करेंगे। बच्चों को खिलौना पसंद आएगा तो वो बिकेगा भी ज्यादा। खिलौने ज्यादा बिकेंगे तो कारोबारियों को लाभ भी ज्यादा मिलेगा। लाभ होगा तो खिलौना का कारोबार बढ़ेगा।

उद्योग को हर संभव मदद करेगी सरकार

पीएम मोदी ने बातचीत के क्रम में कहा कि खिलौना उद्योग को सरकार हर संभव मदद करेगी। हमें खिलौना उद्योग को और आगे ले जाना है।

टॉय इंडस्ट्री को बढ़ाना आत्मनिर्भर भारत का बड़ा हिस्सा

उन्होंने कहा, ‘आपसे बात करके लगा कि देश की टॉय इंडस्ट्री में कितनी ताकत है। इसे बढ़ाना आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा हिस्सा है। हम आज देश के पहले टॉय फेयर का हिस्सा बन रहे हैं। यह केवल एक व्यापारिक या आर्थिक कार्यक्रम भर नहीं है। यह देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की कड़ी है। इसकी प्रदर्शनी में कारीगरों और स्कूलों से लेकर कंपनियों तक 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1000 से ज्यादा एक्जीबिटर्स हिस्सा ले रहे हैं।’

खिलौनों और भारत का रचनात्मक संबंध बहुत पुराना


उन्होंने कहा कि टॉय फेयर 2021 में आपके पास भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के ईको सिस्टम के बारे में जानने का अवसर होगा। खिलौनों और भारत का रचनात्मक संबंध बहुत पुराना है। पुराने समय में यात्री भारत आते थे, तो खिलौने लेकर जाते थे। हमारे धर्मग्रंथो में बाल राम के लिए कितने ही खिलौनों का वर्णन मिलता है। गोकुल में कृष्ण कंदुक से खेलने जाते थे। मंदिरों में खिलौनों को उकेरा गया है।

भारतीय खिलौनों में ज्ञान और विज्ञान का तालमेल

उन्होंने कहा कि भारतीय खिलौनों की खूबी रही है कि उनमें ज्ञान और विज्ञान होता है। मनोरंजन होता है और मनोविज्ञान होता है। लट्‌टू को देखिए। वह बच्चों को ग्रेविटी और बैलेंस का पाठ पढ़ा देता है। गुलेल से खेलता बच्चा पोटेंशियल से काइनेटिक एनर्जी के बारे में सीख लेता है। नवजात बच्चे भी झुनझुने और बाजे घुमाकर सर्कुलर मूवमेंट को महसूस करने लगते हैं। आगे जाकर उन्हें पढ़ाया जाता है तो उसे रिलेट कर लेते हैं। किताबी ज्ञान से यह समझ विकसित नहीं हो सकती।

देश खिलौनों में आत्मनिर्भर बने, भारत के खिलौने दुनिया में जाएं

उन्होंने कहा कि पहले खिलौनों के बारे में सरकारें बात भी नहीं करती थीं। अब इस उद्योग को 24 प्रमुख क्षेत्रों में शामिल किया है। नेशनल टॉय एक्शन प्लान तैयार किया गया है। इसमें 15 विभागों को शामिल किया है। देश खिलौनों में आत्मनिर्भर बने। भारत के खिलौने दुनिया में जाएं। इनमें राज्यों को भागीदार बनाकर टॉय क्लस्टर विकसित किया जा रहा है। टॉय टूरिज्म की संभावना को मजबूत कर रहा है।

मेला का मकसद खिलौना निर्माताओं को एक ही मंच पर लाना

इस मेला का मकसद खिलौना कारोबार से जुड़े खरीददारों, विक्रेताओं, विद्यार्थियों, शिक्षकों और डिजाइनरों को एक मंच पर लाना है। इस प्‍लेटफॉर्म के जरिए सरकार और उद्योग इस बात पर मंथन करेंगे कि खिलौना निर्माण और आउटसोर्सिंग का अगला ग्लोबल हब बनाया जाए।

भारतीय बाजार में 90% चीनी खिलौने

करीब एक साल पहले खराब गुणवत्ता वाले खिलौनों से भारत के खिलौना बाजार पर असर पड़ रहा था। दुनिया के खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी 1% से कम है। वहीं, चीन 65-70% पर काबिज है। देश के खिलौना बाजार में चीन की हिस्सेदारी 90% से ज्यादा है। statista.com के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में खिलौना बाजार 6.64 लाख करोड़ रुपए का है।

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