टीआरपी डेस्क। पूरे विश्व में आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार भी सजग है। गृह मंत्रालय ने देश में महिलाओं की सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए कई कठोर कदम उठाए हैं। सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए पहल तेजी से की जा रही है।

गृह मंत्रालय ने आज जानकारी दी कि गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को महिला सुरक्षा को देखते हुए ऑनलाइन उपकरणों के प्रभावी उपयोग की जोरदार सिफारिश की है। सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पुलिस स्टेशनों में महिला सहायता डेस्क स्थापित करने और देश के सभी जिलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) स्थापित करने के लिए 200 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
यौन अपराध के लिए जांच ट्रैकिंग प्रणाली
इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने बताया कि यौन अपराध के लिए जांच ट्रैकिंग प्रणाली (ITSSO) सहित कई आईटी पहल, यौन अपराधियों का राष्ट्रीय डेटाबेस (NDSO), अपराध बहु-एजेंसी केंद्र (Cri-MAC) और नई नागरिक सेवाओं को समय पर और प्रभावी जांच के लिए लिया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने जारी किए थे दिशा-निर्देश
ज्ञात हो कि देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर मोदी सरकार शुरू से सख्त नजर आ रही है। पिछले महीनों केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को महिला सुरक्षा को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए थे। गृह मंत्रालय ने दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा था कि महिलाओं के खिलाफ अपराध यदि थाने के अधिकार क्षेत्र से बाहर हो, तो ऐसे में पुलिस एक शून्य एफआइआर दर्ज करें।
पुलिस अधिकारी का नाकाम रहना एक दंडनीय अपराध
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर मंत्रालय ने कहा था कि किसी पुलिस अधिकारी का नाकाम रहना एक दंडनीय अपराध होगा। परामर्श में कहा गया था कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पुलिसकर्मी कहीं अधिक तत्परता से काम करें और महिलाओं एवं लड़कियों के साथ होने वाले अपराध की शिकायतों के मामले में संवेदनशीलता का परिचय दें।
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