रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में वेतन घोटाला सामने आया है. नगर निगम रायपुर के जोन तीन शंकरनगर में 72 लाख रुपए के वेतन घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. इस मामले में जोन कमिशनर की शिकायत पर बड़ी कार्रवाई हुई है. आरोपियों दो निगम कर्मचारी और उनके घर वालों के खिलाफ भी सिविल लाइन पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है.

जानकारी के मुताबिक, यह एफआईआर जोन तीन के कमिश्नर प्रवीण सिंह ने दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने साल 2016 से 2021 के बीच कूट रचित कागजात तैयार कर 71 लाख 8 हजार 961 रुपए निगम के खाते से निकाल लिए थे। इसकी जानकारी होने पर ऑडिट कराई गई, तब वेतन घोटाला मामले का राजफास हुआ.
जांच में हुआ खुलासा
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, नगर निगम जोन तीन शंकरनगर में सहायक ग्रेड तीन के पद पर कार्यरत गंगाराम सिन्हा पिछले पांच साल से अपने तीन परिजन और कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत नेहा परवीन की बहन और मां के खातों पर रकम ट्रांसफर किया है। इसमें निगम की ओर से भी जांच की गई, तब पता चला कि गंगाराम सिन्हा, नेहा परवीन के साथ मिलकर अन्य लोगों के नाम से वेतन निकाल रहा था।
सात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज, सभी फरार
सिविल लाइन पुलिस थाना प्रभारी आरके मिश्रा ने बताया कि जोन तीन के कमिश्नर ने कुछ दिन पहले शिकायत की थी। इसमें ऑडिट रिपोर्ट नहीं मिला था। सोमवार रात उनके द्वारा ऑडिट रिपोर्ट उपलब्ध कराया गया।
इसके बाद देर रात निगम कर्मी गंगाराम सिन्हा, देव कुमारी सिन्हा, शुभम सिन्हा, अशोक सिन्हा और कम्प्यूटर ऑपरेटर नेहा परवीन समेत उनके परिवार के सरवरी बेगम, खालीदा अख्तर, निगार परवीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। फिलहाल सभी आरोपी फरार है, उनकी तलाश की जा रही है.
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