बस्तर मांगे हिंसा से आजादी, मध्य भारत में शांति के लिए अबूझमाड़ से शुरू हुई दांडी यात्रा
बस्तर मांगे हिंसा से आजादी, मध्य भारत में शांति के लिए अबूझमाड़ से शुरू हुई दांडी यात्रा

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाको में अशांति बढ़ती जा रही है, कभी सुरक्षा बल के जवान मारे जा रहे हैं तो कभी नक्सली , इन दोनों के बीच पिस रहे आम लोग भी यदा कदा मारे जा रहे हैं, इससे तंग आ चुके लोगों ने बस्तर से दांडी यात्रा की शुरुआत की है। 12 से 23 मार्च के बीच, नक्सल से प्रभावित परिवार और नागरिक समाज के सदस्य नारायणपुर से रायपुर तक 222 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।

नक्सल मुख्यालय को चुना दांडी यात्रा शुरू करने के लिए

नई शांति प्रक्रिया के तहत मध्य भारत में शांति के लिए आज से दांडी यात्रा 2.0 शुरू हो रही है। इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि इन दो स्थानों को क्रमशः नारायणपुर और रायपुर को नक्सल और सरकार का मुख्यालय कहा जाता है। यही वजह है कि दांडी यात्रा नारायणपुर से शुरू करके राजधानी रायपुर में ख़त्म की जाएगी इस रैली का लक्ष्य सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच कभी न खत्म होने वाली लड़ाई को रोकना और बस्तर को हिंसा से मुक्ति दिलाना है। पदयात्रा में शामिल लोग परंपरागत वाद्य यंत्रो के साथ गाते बजाते और नृत्य करते हुए रवाना हुए।

91 साल पूर्व महात्मा गाँधी ने किया था दांडी मार्च

आज ही के दिन, 91 साल पहले महात्मा गांधी ने दांडी मार्च का नेतृत्व किया था, उन्होंने पीड़ितों को इस पदयात्रा के लिए प्रेरित किया। इसी कारण नारायणपुर याने अबूझमाड़ से शुरू इस पदयात्रा का नाम दांडी मार्च 2.0 रखा गया है।

शांतिपूर्ण बातचीत के पक्षधर हैं बस्तर के लोग

गौरतलब है कि अक्टूबर 2020 में बस्तर के भीतर एक ऑनलाइन जनमत संग्रह आयोजित किया गया था, जिसमें 92% लोगों ने शांतिपूर्ण बातचीत के पक्ष में मतदान किया था। उस जनमत को आगे बढ़ाने के लिए नक्सलियों और सरकार से अपील के रूप में इस पदयात्रा को आयोजित किया जा रहा है, ताकि बातचीत के माध्यम से लोगों को एक शांतिपूर्ण समाधान मिल सके।

सर्व आदिवासी समाज और अन्य संगठन कर रहे हैं अगुआई

इस दांडी यात्रा की शुरुआत के मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविन्द नेताम भी पहुंचे। गौरतलब है की पिछले माह राजधानी रायपुर के मंथन हाल में एक बैठक आयोजित की गई थी जिसमे अरविन्द नेताम के अलावा भाजपा नेता नंदकुमार साय, वीरेंद्र पांडेय सहित अनेक प्रबुद्ध नागरिक और पत्रकार शामिल हुए। इस दौरान बस्तर इलाके में बढ़ रही नक्सल हिंसा पर चिंता जताई गई, साथ ही इस इलाके में शांति के लिए बल प्रयोग की बजाय बातचीत को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया। इसी के तहत यह भी तय किया गया की राज्य सरकार को बातचीत का रास्ता अपनाने के लिए तैयार किया जाये। इसी के तहत बस्तर के हिंसा प्रभावितों और नागरिकों की यह पदयात्रा भी शुरू की गई है।

रायपुर में होगी शांति के लिए बैठक

अबूझमाड़ से शुरू हुई इस दांडी यात्रा के रायपुर पहुंचने पर, चैकले मांदी(गोंडी अनुवाद : शांति के लिए बैठक) आयोजित की जाएगी, जहां पीड़ित, सर्व आदिवासी समाज के सदस्य और नागरिक समाज के सक्रिय सदस्य अपनी कहानियों, दृष्टिकोण और मांगों को को सभी के सामने रखेंगे

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर…

Trusted by https://ethereumcode.net