सांसद चुन्नी लाल साहू
सांसद चुन्नी लाल साहू

टीआरपी डेस्क। उड़ीसा राज्य से लगे हुए छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में बिकने वाली अवैध शराब की गूँज संसद भवन में सुनाई दी। भाजपा सांसद चुन्नी लाल साहू ने संसद भवन में आरोप लगाया कि महासमुंद जिले में धड़ल्ले से अवैध शराब कि बिक्री हो रही है। वहीं पुलिस सिर्फ खानापूर्ति कर रही है और अवैध शराब का विरोध करने वालों पर डंडे बरसा रहीं हैं।

संसद मे उठे सवाल पर पुलिस कप्तान ने केवल अवैध शराब पर कार्रवाई की गिनती गिना दी। उन्होंने शराब बंदी की मुहिम में लगी महिला समितियों को सहयोग देने का वादा भी किया है। महासमुंद जिले की आबादी लगभग 12 लाख है। उडीसा की सीमा से लगे इस जिले में 5 तहसील और 4 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। पिछड़ा वर्ग एवं आदिवासी बहुल्य महासमुंद जिले के लिये 15 अंग्रेजी एवं 19 देशी शराब दुकानें हैं। जिले मे कुल 34 शराब दुकानों के बावजूद बड़ी मात्रा मे उडीसा से अवैध शराब की तस्करी महासमुंद जिले मे होती है , साथ ही जंगल क्षेत्रो मे देशी शराब की भट्टी लगाकर अवैध शराब बनाई जाती है।

शराब का विरोध करने वालों को मिलती है प्रताड़ना : चुन्नी लाल

अवैध शराब के लिए कुख्यात महासमुंद जिले के इस मुद्दे को भाजपा सांसद ने संसद भवन मे उठा कर छत्तीसगढ़ सरकार पर हमला बोला है। सांसद ने कहा कि उड़ीसा से भारी मात्रा में अवैध शराब महासमुंद जिले में लाकर बेची जाती है। पुलिस और आबकारी विभाग की ढिलाई के चलते वहां धड़ल्ले से नशे का कारोबार हो रहा है, और इससे युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। सांसद चुन्नीलाल साहू ने यह भी आरोप लगाया की उनके क्षेत्र में आने वाले गांव अरंड, नर्रा, बुंदेली और गड़बेरा जैसे गावों में महिला समितियां अवैध शराब के खिलाफ मुहिम चला रही है। मगर इसमें सहयोग करने की बजाय महिलाओं और उनके रिश्तेदारों को झूठे मामलों में फंसाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। सांसद ने इस मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करते हुए कार्यवाही के लिए राज्य शासन को निर्देश देने का अनुरोध भी किया है।

पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का महिला समिति का आरोप

गांव-गांव में हो रही शराब खोरी से परेशान महिलाओं ने गावों में महिला संगठन बनाया है। महिला संगठन का कहना है कि पुलिस शराबियों एवं अवैध शराब बनाने वालो को समझाइश देती है पर कार्यवाही नहीं होती। ग्राम अरंड में अवैध शराब के खिलाफ मुहिम चलाने महिलाएं घर-घर जाती हैं जहां के लोग अवैध तरीके से शराब बेचते हैं। वे शराब मिलने पर उसे ले जाकर गांव में ही नष्ट कर देती हैं। महिला समूह की एक सदस्य ने बताया कि मुहिम के दौरान कई बार विवाद की नौबत आ जाती है, पूर्व में जब हमने पुलिस को बुलाया तब पहुंचे जवानों की टीम ने अवैध शरब बनाने वालों को केवल समझाइश दी और चलते बने।

जिले मे अवैध शराब के सवाल पर पुलिस कप्तान ने कार्यवाही की लंबी लिस्ट गिना दी। साथ ही महिला संगठनो को सहायता देने का वादा भी किया। एस.पी. प्रफुल्ल ठाकुर ने बताया कि सन् 2020 में आबकारी विभाग से हटकर पुलिस विभाग ने पूरे जिले में अवैध शराब के खिलाफ 1295 प्रकरण तैयार किए, इस दौरान लगभग एक करोड़ के अवैध शराब की जब्ती की गई। इन मामलों में 1469 लोगों को जेल भेजा गया, वहीं इनसे 166 छोटे बड़े वाहन भी जब्त किए गए। एसपी ने महिला समूहों को सहयोग नहीं किए जाने के आरोप को नकारते हुए कहा कि महिलाएं जब भी चाहें पुलिस और आबकारी विभाग की मदद भी ले सकती हैं।

इस मामले में एक तरफ कांग्रेस का मानना है कि सासंद का बयान हकीकत से ज्यादा राजनीति से प्रेरित है। वहीं दूसरी विपक्ष का आरोप है कि पुलिस की दिखावटी कार्यवाही मे सिर्फ छोटी मछलियां फंसती हैं। बड़े चेहरो को पुलिस का संरक्षण होता है। बहरहाल यह बात तो जगजाहिर है कि छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा शराब का कारोबार चलाए जाने के बावजूद पूरे प्रदेश में धड़ल्ले से अवैध शराब की सप्लाई हो रही है। महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू ने मांग की है कि अवैध शराब के खिलाफ मुहिम चला रही महिलाओं को महिला पुलिस बल द्वारा सहयोग किया जाए। देखना है कि प्रदेश के एक हिस्से में अवैध की शिकायत संसद भवन में किए जाने के बाद राज्य सरकार इसे कितनी गंभीरता से लेती है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर…