कमरतोड़ महंगाई के बीच मजदूरों के साथ मजाक? मनरेगा में बढ़ी मात्र 3 रुपए मजदूरी
कमरतोड़ महंगाई के बीच मजदूरों के साथ मजाक? मनरेगा में बढ़ी मात्र 3 रुपए मजदूरी

टीआरपी डेस्क। देश में कमरतोड़ महंगाई से जनता परेशान है। वहीं हर डीजल और पेट्रोल के दाम आसमान को छू रहे हैं। वहीं इस बीच प्रदेश के मनरेगा मजदूरों के साथ भी एक बड़ा मजाक हुआ है। जी हां उनकी मजदूरी महज तीन रुपये ही बढ़ी है। महंगाई में यह बढ़त उनके साथ बड़ा मजाक ही है। बता दें कि वर्ष 2014 महज दो रुपये ही मजदूरी बढ़ाई गई थी।

निजी क्षेत्रों में काम करनें वाले कामगारों की मजदूरी प्रति दिन 300 से 400 रुपये तक होती है। चिलचिलाती धूम में मनरेगा विभिन्न कार्य सड़क, गढ़ा खोदने और विकास कार्यों में लगे मजदूरों के लिए मजदूरी बढ़ाने का लगता है कोई पैमाना ही नहीं है। बीते वर्ष कामगारों की मजदूरी में 14 रुपये की वृद्धी की गई थी, लेकिन इस वर्ष मात्र तीन रुपए ही बढ़ाई गई है। अब इन योजना के तहत काम करनें वालों को 193 रुपये की मजदूरी मिलेगी। खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही है। यदि एक माह के पेट्रोल डीजल के दामों को देखे तो 3 रुपये से अधीक का इजाफा हो चुका है। वहीं जिन मजदूरों का जीविका शासकीय योजनाओं के माध्यम से चल रही हैं। उनका ही मेहनताना मजदूरों को काफी कम मिल रहा है।

क्या कहते हैं 9 वर्षों के आंकड़े

  • 2013 और 2014 में 146 रुपये थी।
  • 2014-15 में 11 रुपये बढ़ाए गए जो बढ़कर 157 रुपये हुए।
  • इसी तरह 159, 167, 172, 174, 176, 2020 में 190 और अब 193 रुपय किया गया। 9 वर्षों में सबसे अधि‍क 11 रुपये की वृद्धी की गई थी।
  • 20 लाख के अधि‍क मजदूर काम करते है। पूरे प्रदेश भर में 20 लाख से अधि‍क मजदूरों को घर चलाने के लिए काम तो मिल जाता है पर इसका दाम सहीं नहीं मिल पाता। राज्य के 7 लाख ऐसे मजदूर हे जो दिगर प्रांत जाते है और कार्य करते हैं।
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