एल्यूमीनियम कंपनी की जन सुनवाई में ग्रामीणों ने किया हंगामा, मैनेजर की कर दी गई पिटाई, देखिए विडियो
एल्यूमीनियम कंपनी की जन सुनवाई में ग्रामीणों ने किया हंगामा, मैनेजर की कर दी गई पिटाई, देखिए विडियो

सरगुजा। सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड के ग्राम चिरंगा में स्थपित होने वाली एल्यूमीनियम रिफाइनरी फैक्ट्री के लिए पर्यावरण की स्वीकृति हेतु जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला। यही नहीं फैक्ट्री स्थापना के विरोध में जन सुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने फैक्ट्री प्रबंधक की बेदम पिटाई कर दी। इस घटना की तस्वीर कैमरे में कैद भी हुई है।

मैनपाट के पास स्थित बतौली विकासखंड के ग्राम चिरंगा में मां कुदरगढ़ी एल्यूमीनियम रिफाइनरी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा प्लांट की स्थापना का प्रस्ताव पेश किया गया है। मगर बतौली ब्लॉक के कई ग्राम के ग्रामीण फैक्ट्री की स्थापना को लेकर विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि फैक्ट्री की स्थापना होने के बाद उनके क्षेत्र में पर्यावरण दूषित होगा। जबकि स्थानीय युवाओं को मां कुदरगढ़ी एलमुनियम रिफाइनरी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा रोजगार भी नहीं दिया जाएगा। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद प्राइवेट कंपनी के द्वारा ग्राम चिरंगा में पर्यावरण की स्वीकृति हेतु आज जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इस दौरान भी ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला। वहीं कई गांव के ग्रामीणों ने जनसुनवाई का जमकर विरोध किया।

मारपीट तक की आ गई नौबत

ग्रामीणों का आरोप है कि मां कुदरगढ़ी एल्यूमीनियम रिफाइनरी कंपनी प्रशासन से सांठगांठ कर गांव में फैक्ट्री की स्थापना करना चाहती है। यही नही ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि जनसुनवाई सुबह 9:00 बजे शुरू हुई और दोपहर 12:00 खत्म हो गई। इस दौरान चंद ग्रामीणों को बोलने का मौका दिया गया। कंपनी प्रबंधन ने जानबूझकर जनसुनवाई को चंद घंटों में खत्म कर दिया, ताकि ग्रामीणों को जन सुनवाई के दौरान अपनी बात रखने का मौका न मिल सके। इस बात से आक्रोशित ग्रामीणों ने भरी जनसभा में मां कुदरगढ़ी एलमुनियम रिफाइनरी प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक की चप्पसील एवं जूतों से बेदम पिटाई कर दी। इधर ग्रामीणों के आक्रोश को देख मौके पर मौजूद पुलिस बल भी मूक दर्शक बनकर तमाशा देखती रही। हालांकि पुलिस बल ने जैसे तैसे बीच-बचाव कर कंपनी के प्रबंधक को और भी पिटने से बचा तो लिया लेकिन फैक्ट्री की स्थापना को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा ज्वालामुखी की तरह भड़का हुआ है।

ये तो अभी ट्रेलर है!

स्थानीय ग्रामीण निजी कंपनी पर बार-बार आरोप लगा रहे हैं कि कंपनी सिर्फ अपने फायदे के लिए ग्रामीणों का नुकसान करना चाहती है। यही नहीं ग्रामीणों से फैक्ट्री के विरोध में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह तो ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है। यदि कंपनी जन सुनवाई के लिए दोबारा चिरंगा गांव पहुंचती है तो कंपनी के कर्मचारियों का इससे भी बुरा हाल किया जाएगा। ग्रामीणों के आक्रोश को देख समझा जा सकता है कि गांव में स्थापित होने वाली एलमुनियम रिफाइनरी फैक्ट्री का किस कदर स्थानीय लोग विरोध कर रहे है।

Corona खतरे के बीच सुनवाई

प्रदेश के दूसरे जिलों की तरह सरगुजा जिले में कोरोना बेकाबू हो चुका है। कलेक्टर ने जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित कर 10 दिनों के लिए लॉकडाउन घोषित कर दिया है। बावजूद इसके प्राइवेट कंपनी के लिए प्रशासन ने कोविड-19 के खतरे को जानते हुए भी हजारों की संख्या में कई गांव के ग्रामीणों को एकत्रित कर जनसुनवाई का आयोजन कर रखा था। यदि इस आयोजन से बतौली क्षेत्र में कोरोना विस्फोट होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
बहरहाल प्रशासन को भी ऐसे आयोजनों एवं जन सुनवाई पर रोक लगानी चाहिए जहां से कोरोना का सामुदायिक संक्रमण में फैलने का खतरा बना हुआ है।

Trusted by https://ethereumcode.net