झारखंड में 22 से 29 अप्रैल तक लॉकडाउन, जानिये क्या खुलेगा, क्या बंद रहेगा
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बलौदाबाजार। कोरोना के लॉकडाउन के बीच प्रशासन ने डॉक्टरी के पेशे को छूट दे रखा है, इसी का फायदा उठाकर झोलाछाप डॉक्टर एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। बलौदा बाजार जिले में ऐसे ही फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई की। इसके अलावा कोविड सेंटर चला रहे एक निजी अस्पताल पर भी अर्थ दंड लगाया गया है जहां इलाज के दौरान भारी अव्यवस्था देखी गयी।

अवैध दवाखानों में की गयी छापेमारी

कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाया है कि इसका संक्रमण शहर से गावों तक भी पहुँच गया है। आलम यह है कि सर्दी-खांसी वाले मरीज अस्पताल जाकर कोरोना की जाँच कराने की बजाय आसपास के इलाको में संचालित दवाखानों में इलाज करा रहे हैं। दवाखानों को चलाने वाले झोलाछाप और अपंजीकृत डॉक्टर बड़ी संख्या में ऐसे लोगों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे ही तथाकथित डॉक्टरों के खिलाफ बलौदा बाजार प्रशासन ने छापामार कार्रवाई की। इस दौरान 9 अवैध दवाखानों को सील करकर दिया गया।

लगाया गया आर्थिक दंड

प्रशासन की टीम ने अवैध दवाखाना चला रहे तथाकथित डॉक्टरों को फटकार लगाई, दवाखानों को सील किया और उनके खिलाफ आर्थिक दंड भी लगाया गया। इनसे कुल 01 लाख 17 हजार रुपये का जुर्माना जीवन दीप समिति के माध्यम से लगाया है. तहसीलदार हरिशंकर पैकरा ने बताया कि ऐसे 9 फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसमें पलारी के आरआर जाल से 7 हजार, रोहांसी से आरके वर्मा से 20 हजार, आसिम दास बंगाली से 10 हजार, ओएन मनहरे से 10 हजार, ओड़ान एचसी साहू से 20 हजार रुपये, संडी से महेन्द वर्मा 20 हजार, गुरुचरण साहू से 10 हजार रुपये, विशंभर साहू और चतुर्वेदी से 10-10 हजार रुपये का जुमार्ना वसूल किया गया है।

निजी कोविड अस्पताल में मिली अव्यवस्था

गौरतलब है कि जिला मुख्यालय होने के बावजूद बलौदा बाजार नगर में कोविड मरीजों के उपचार हेतु स्वास्थ्य विभाग समुचित व्यवस्था में करने में नाकाम रहा है। यही वजह है कि स्वास्थ्य सुविधा बढ़ने के नाम पर विभाग के आला अधिकारियों द्वारा ऐसे नर्सिंग होम्स को कोविड अस्पताल बना दिया गया है जिनके पास आवश्यक संसाधन ही उपलब्ध नहीं है। यहां व्याप्त अव्यवस्था और संसाधनों में कमी का खुलासा तब हुआ जब प्रशासन की टीम ने आनंद हॉस्पिटल द्वारा संचालित निजी कोविड सेंटर का औचक निरिक्षण किया। यहां इस्तेमाल किये हुए PPE KIT अस्त व्यस्त पड़े हुए थे, इससे मरीजों और अन्य लोगों के बीच संक्रमण का खतरा नजर आ रहा था। इसके अलावा यहाँ चिकित्स्कों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी भी देखी गयी। इसके बाद प्रशासन की टीम ने आनंद हॉस्पिटल प्रबंधन पर 20 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया।

अर्थदंड नहीं लगाया बल्कि…

बलौदा बाजार जिले में कोविड सेंटरों के नोडल अधिकारी डॉ राकेश प्रेमी ने बताया कि जिला प्रशासन को मिली शिकायत के आधार पर प्रशासनिक टीम ने आनंद हॉस्पिटल का औचक निरिक्षण किया, इस टीम में डॉ राकेश भी शामिल थे। अस्पताल प्रबंधन पर लगाए गए अर्थदंड पर उन्होंने अपनी सफाई दी और कहा कि 20 हजार रूपये का अर्थदंड नहीं लगाया बल्कि जीवनदीप समिति की रसीद काटकर अस्पताल संचालक को रेडक्रॉस सोसाइटी की सदस्य्ता दी गयी है। अब इसे प्रशासन की कार्रवाई कहें या केवल दिखावा?

जिले में 9 निजी कोविड सेंटर की मिली अनुमति

बलौदा बाजार के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी ने बताया की जिले भर में 9 निजी अस्पतालों को कोविड सेंटर चलने की अनुमति दी गयी है, इनमे से एक को छोड़ कर शेष का संचालन शुरू कर दिया गया है। कोविड अस्पताल में अव्यवस्था होने के सवाल पर डॉ सोनवानी ने सफाई दी कि अगर कोविड सेंटर के लिए शत प्रतिशत मानकों का पालन किया जाये तो उनके जिले में एक भी निजी कोविड सेंटर नहीं खोला जा सकेगा।

हर रोज 600 मरीज मिल रहे संक्रमित

डॉ खेमराज सोनवानी ने बताया कि बलौदा बाजार जिले में हर रोज औसतन 600 मरीज कोरोना संक्रमित निकल रहे हैं, ऐसे में केवल जिला अस्पताल के भरोसे इनका इलाज नहीं किया जा सकता, यही वजह है कि सिमित संसाधन वाले निजी अस्पतालों को भी कोविड सेंटर चलने की अनुमति दी गई है, जहां मरीजों का यथासंभव इलाज हो रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी है, और निजी संस्थाओ की मदद से इसकी आपूर्ति का प्रयास किया जा रहा है।

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