रायपुर। नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government)  देश के नवरत्न कंपनी में शुमार कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Container Corporation of India) को बेचने की तैयारी में है। सूत्रों की माने तो अगली मोदी कैबिनेट में कॉनकोर (Concor India) को बेचने का फैसला लिया जा सकता है। भारत सरकार (Government of India) ने रलेवे को पत्र लिखकर कॉनकोर के डिस्प्यूट को सेटल करने और निजी करण की तरफ बढ़ने के लिए अनुमति मांगी है।

सरकार के इस पत्र के बाद से कॉनकोर इंडिया (Concor India) से जुड़े संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। मगर जैसा की पहले भी हुआ है कि केंद्र की नीतियों और फैसलों के विरोध के बवजूद सरकार अपने फैसले पर अडिग रही है वैसा ही इस मामले में भी होने जा रहा है।

क्या है कॉनकोर इंडिया

कॉनकोर इंडिया यानि कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इडिया जिसे भारत सरकार के नवरत्न कंपनियों में सबसे मुनाफे की कंपनी माना जाता है इसका गठन 1988 में 83 करोड़ की लागत से कंपनी एक्ट के तहत हुआ था। आज इस कंपनी की नेट वैल्यू  32 हजार करोड़ है। इस कंपनी से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रुप से 10 लाख लोग जुड़े हुए हैं।

शेयर मार्केट में भारत सरकार की दूसरे पीएसयू की तुलना में शेयर मजबूत है। कॉनकोर (Concor) का शेयर 600 रुपये के आसपास है ऐसी कंपनी को भारत सरकार निजीकरण करने जा रही है। जबकि कॉनकोर के अलावा एयर इंडिया (Air India), कोल इंडिया (Coal India), ओएनजीसी (ONGC) जैसेे पीएसयू डूबने की कगार पर है। जिसे सरकार बेचना तो चाह रही है लेकिन इंवेस्टर नहीं मिल रहे है।

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