रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना टीकाकरण के चालू अभियान की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को भी उसी दर पर वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग रखी जिस दर पर वह केंद्र सरकार को मिल रही है। मुख्यमंत्री ने जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति में राज्यों की अड़चन खत्म करने को भी कहा।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री से चर्चा में कहा, केंद्र सरकार की दरों पर ही राज्यों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराया जाए। केंद्र सरकार 18 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिये वैक्सीन उपलब्धता की कार्ययोजना राज्यों को शीघ्र उपलब्ध कराए ताकि राज्य सरकार अपनी रणनीति बना सके। वैक्सीनेशन का यह सबसे बड़ा अभियान एक मई से शुरू होना है।
स्वास्थ्य मंत्री और गृहमंत्री भी हुए शामिल
इस वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्लै, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि जिस तरह से ऑक्सीजन उत्पादक राज्य अपनी जरूरत के बाद का अतिरिक्त आक्सीजन प्राथमिकता से दूसरे राज्यों को उपलब्ध करा रहे हैं। वैसे ही रेडमेसिविर और अन्य जीवन रक्षक दवाइयों के उत्पादक राज्य प्राथमिकता से इन्हें दूसरे राज्यों को भी उपलब्ध कराएं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री से यह अनुरोध भी किया कि छत्तीसगढ़ में इस्पात उद्योगों की अधिकता को देखते हुए औद्योगिक ऑक्सीजन के उत्पादन और उसके उपयोग की अनुमति दी जाए, जिससे अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव न पड़े।
मुख्यमंत्री ने कोरोना टीकाकरण की प्रगति के बारे में प्रधानमंत्री को बताया कि प्रदेश की 18 प्रतिशत आबादी को इसकी पहली खुराक दी जा चुकी है। उन्होंने जानकारी दी कि 90 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, 84 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक के 69 प्रतिशत लोगों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों से कोरोना संक्रमितों का प्रवेश रोकने के लिए अंतर्राज्यीय सीमाओं, एयरपोर्ट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर कोरोना की जांच की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में व्यवस्थाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं। निजी अस्पतालों में भी संक्रमितों के इलाज की दरें तय की गई हैं। चिकित्सा क्षेत्र में मानव संसाधन बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ ही नए डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है। रेडमेसिविर की कालाबाजारी रोकने और जरुरतमंदों तक इसे पहुंचाने के लिए व्यवस्था बनाई गई है। डीएमएफ, सीएसआर, सांसद निधि विधायक निधि और महापौर निधि की राशियों का भी उपयोग कोविड-19 की रोकथाम के लिए व्यवस्थाएं विकसित करने में की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए आठ नई औद्योगिक इकाइयों को लाइसेंस जारी किए गए हैं। प्रदेश में कुल 29 यूनिटों द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है। राज्य की जरूरत के बाद का अतिरिक्त ऑक्सीजन हम दूसरे राज्यों को भी दे रहे हैं।