टीआरपी डेस्क। जहां एक ओर सरकार ने राज्य भर के कर्मचारियों के एक दिन का वेतन कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए सहयोग की बात कही है, वहीं दूसरी ओर कोरबा के पसान थाने के पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक दिन का वेतन नहीं देने की बात कही है। थाना प्रभारी ने इसके लिए लेटर जिले के कप्तान को भेज दिया है।


कोरोना संक्रमण से लड़ने लिए भूपेश सरकार लोगों से सहायता की अपील कर रही है। यहां तक कि दैनिक वेतन भोगियों के साथ ही सरकारी कर्मचारियों का 1 दिन का वेतन दान करने को भी कहा गया है। लेकिन सरकार के इस आदेश से जिले के पासन थाने के पुलिसकर्मी इत्तेफाक नहीं रखते। पसान थाने के 17 पुलिसकर्मियों ने अपना एक दिन का वेतन काटे जाने के निर्णय से असहमति जताई है। जिसके बाद इस आशय का पत्र थाना प्रभारी ने SP कोरबा को भेज दिया है।
समस्त स्टाफ की ओर से थाना प्रभारी ने लिखा पत्र
थाना प्रभारी पसान ने थाना में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक और आरक्षक स्तर के 17 पुलिसकर्मियों के नाम की सूची बनाई है। उनके नाम के सामने मुख्यमंत्री सहायता कोष में 1 दिन का वेतन जमा किए जाने के निर्णय से असहमत होने का जिक्र किया है। पत्र में लिखा है कि सूची में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारियों ने माह अप्रैल 2021 के 1 दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करने में असहमति जताई है। इसलिए इन सभी का वेतन नहीं काटे जाने के लिए प्रतिवेदन पेश किया जा रहा है।
इस तरह का यह पहला मामला
आपदा से लड़ने के लिए भले ही सरकार ने अग्रिम तैयारी ना की हो, लेकिन सरकारी कर्मचारियों से वेतन दान में देने के आदेश जरूर दे दिए हैं। इस निर्णय से असहमत होने का प्रदेश में यह अपनी तरह का यह पहला मामला है। देखना दिलचस्प होगा कि सरकार के निर्णय से असहमति जताने वाले इन पुलिसकर्मियों के पत्र पर किस तरह की कार्रवाई की जाती है।