बैटरी स्टोरेज
केंद्रीय कैबिनेट का बड़ा फैसला: देश में ही होगा 'बैटरी स्टोरेज' का उत्पादन

टीआरपी डेस्क। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में लिए गए अहम फैसले के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया, स्टोरेज उत्पादन को बढ़ावा देने वाले 18,100 करोड़ रुपये के प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव को आज कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इससे 50,000 मेगावाट का उत्पादन भारत में बढ़ने का अनुमान है।’

देश के लिए ‘Win Win Formula’ बताया

केंद्रीय मंत्री ने बताया, ‘आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई और अब तक बाहर से आयात किए जाने वाले बैटरी स्टोरेज का उत्पादन देश में ही किए जाने के संबंध में फैसला लिया गया। उन्होंने बताया, ‘आज बैटरी स्टोरेज को लेकर लिया गया फैसला ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक परिदृश्य होने के साथ ‘मेक इन इंडिया का भी आविष्कार है।’ केंद्रीय मंत्री ने इसे देश के लिए ‘Win Win Formula’ बताया।

बैटरी स्टोरेज के देश में निर्माण से होंगे ये फायदे

केंद्रीय मंत्री ने बैटरी स्टोरेज का निर्माण देश में होने से मिलने वाले फायदों का भी जिक्र किया। जावड़ेकर ने कहा, ‘बैटरी स्टोरेज बढ़े इसके लिए हम 20 हजार का बैटरी स्टोरेज बाहर से आयात कराते हैं लेकिन अब PLI (Production linked Incentives) के तहत इसका उत्पादन देश में किया जाएगा। ‘ केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया, ‘इससे आगे चलकर बड़े पैमाने पर ईंधन के आयात को भी कम किया जा सकेगा। 45 हजार करोड़ का देश में निवेश आएगा।

इस योजना से इलेक्ट्रिकल व्हिकल योजना को भी लाभ मिलेगा। जब हम बैटरी स्टोरेज का इस्तेमाल करेंगे तो कोयला बचेगा।’ उन्होंने बताया कि भारत 20 हजार करोड़ रुपये बैटरी के आयात पर खर्च करता है। लेकिन देश में ही इसका उत्पादन होने से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया , ‘इन बैटरी स्टोरेज का उत्पादन करने वाली कंपनियों को 18 हजार करोड़ रुपये का इनसेंटिव मिलेगा। यह रकम 5 साल में PLI स्कीम के तहत कंपनियों को दी जाएगी।’

इलेक्ट्रिक वाहनों में होता है इस्तेमाल

एडवांस केमिस्ट्री सेल से एनर्जी को केमिकल फॉर्म में स्टोर किया जाता है। इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कारों में किया जाता है। अभी, भारत इसका बड़े पैमाने पर इंपोर्ट करता है। सरकार चाहती है कि इसके आयात को कम किया जाए और घरेलू स्तर पर इसका उत्पादन बढ़ाया जा सके। बता दें कि देश में ही उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए PLI स्कीम की शुरुआत की गई है। इसके जरिए कंपनियों को देश में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने और आयात करने पर विशेष छूट के अतिरिक्त आर्थिक मदद भी दी जाती है।

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