टीआरपी डेस्क। कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर को लेकर कहा जा रहा है कि अगर यह लहर आएगी तो वह बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होगी। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर भी बच्चों के लिए कम खतरनाक नहीं है। इस लहर में बुजुर्गों के साथ-साथ बड़ी संख्या में युवा और बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं। यह वायरस अब हर उम्र के बच्चों पर अपना असर डाल रहा है। इसलिए बच्चों में कोरोना के लक्षणों की पहचान करना बहुत ही जरूरी है, ताकि बीमारी गंभीर रूप ना ले सके और बच्चों का समय पर इलाज हो सके, ताकि वो ठीक हो जाएं। केंद्र सरकार के ट्विटर हैंडल पर इससे संबंधित जानकारी साझा की गई है।

बच्चों में कोरोना के लक्षण
बुखार
खांसी-जुकाम
थकान, दस्त
गले में खराश
स्वाद और सूंघने की क्षमता खत्म हो जाना
मांसपेशियों में दर्द होना
सांस लेने में दिक्कत
Wondering what are the clinical features of detecting #COVID19 in children & how can they be identified? Here are the management guidelines you should know about! #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/GOIvl6m6dV
— MyGovIndia (@mygovindia) May 13, 2021
बच्चों में कोरोना के अन्य लक्षण
केंद्र सरकार के ट्विटर हैंडल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, कुछ बच्चों में पेट और आंतों से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ कुछ असामान्य लक्षण भी देखने को मिले हैं। इसलिए लक्षणों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है और किसी भी तरह के लक्षण को मामूली नहीं समझना चाहिए बल्कि इस संबंध में डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।
Here's how to treat mild #COVID19 cases in children at home. Take a look! #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/j3Vxa2IY9b
— MyGovIndia (@mygovindia) May 13, 2021
सरकार के मुताबिक, बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम नामक एक नया सिंड्रोम भी देखने को मिला है। कहा जा रहा है कि जो बच्चे इस सिंड्रोम से पीड़ित हो रहे हैं, उनमें शरीर के कई अंगों में संक्रमण और सूजन देखने को मिला है, जिसमें हृदय, फेफड़े, किडनी, मस्तिष्क, त्वचा और आंखें शामिल हैं।
मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?
लगातार बुखार आना
उल्टी, पेट में दर्द
त्वचा पर चकत्ते आना
थकान, सिरदर्द
धड़कनों का तेज होना
आंखों में लालपन
होंठों पर सूजन
हाथों और पैरों में सूजन
शरीर के किसी हिस्से में गांठ बनना
What to do if your child's category falls under moderate #COVID19 cases? Take a look! #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/WGqnKOP0Ry
— MyGovIndia (@mygovindia) May 13, 2021
एसिम्प्टोमैटिक भी हो सकते हैं बच्चे
केंद्र सरकार के ट्विटर हैंडल पर जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक अगर घर में कोई कोरोना पॉजिटिव पाया गया है तो यह जरूरी है कि बच्चों में संक्रमण के लक्षण न दिखाई देने पर भी उनकी स्क्रीनिंग करवाई जाए। इससे आसानी से पता चल जाता है कि बच्चे संक्रमित हैं या नहीं। अगर बच्चों में सामान्य लक्षण, जैसे गले में खराश, खांसी, पेट से जुड़ी समस्याएं और मांसपेशियों में दर्द हैं तो उन्हें जांच की कोई जरूरत नहीं है बल्कि होम आइसोलेशन में रखकर उनका इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा अगर बच्चों में फेफड़ों की समस्या, दिल की बीमारियां, क्रोनिक ऑर्गन डिस्फंक्शन और मोटापा जैसी परेशानियां भी हैं तो उन्हें घर में ही मैनेज किया जा सकता है।
सरकार के ट्विटर हैंडल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, बच्चों में बुखार आने पर प्रत्येक चार से छह घंटे पर पैरासिटामोल 10-15 एमजी/केजी की खुराक दी जा सकती है। अगर गले में खराश या कफ है तो बच्चे और किशोर दोनों ही गर्म पानी में थोड़ा नमक डालकर गरारे कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि बच्चा बहुत छोटा न हो। कोरोना संक्रमित बच्चों में हाइड्रेशन बनाए रखने के लिए उन्हें तरल पदार्थ और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट दें।
नोट: यह लेख केंद्र सरकार के ट्विटर हैंडल MyGovIndia पर दी गई जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। लेख में शामिल सूचना व तथ्य आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किए गए हैं। किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण हों अथवा आप किसी रोग से ग्रसित हों तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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