देवजी भाई पटेल

रायपुर। कुछ दिनों पहले कांग्रेस विधायकों द्वारा पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के नियुक्ति को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए पत्र पर देवजी भाई पटेल ने न्यायालय की सहायता लेते हुए तीखा प्रहार किया है।

सोनिया गांधी को भेजे गए पत्र में विधायकों ने अशोक चतुर्वेदी के साथ तात्कालिक अध्यक्ष पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल, विभाग में भ्रष्टाचार कर राशि आदान प्रदान करने एवं श्री पटेल के सह पर नियमो को तांक में रख कर श्री चतुर्वेदी को महा प्रबंधक बनाए जाने जैसे कई आरोप लगाए गए थे, जिस पर देवजी भाई पटेल ने सभी विधायकों से 5 बिंदुओं पर जवाब मांगा है।

उन्होंने आज मीडिया में बयान जारी करते हुए कहा कि

अनीता शर्मा विधायक धरसीवा, इंद्रशाह मंडावी विधायक मोहला मानपुर, पारसनाथ राजवाड़े विधायक भटगांव, चंद्र देव राय विधायक बिलाईगढ़, गुलाब कमरों विधायक भरतपुर सोनहत, मोतीलाल विधायक पालीताना खार, गुरु दयाल सिंह बंजारे विधायक नवागढ़, विनय जायसवाल विधायक मनेंद्रगढ़, द्वारा सोनिया गांधी को लिखे पत्र की जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त हुई सोशल मीडिया में भी इसकी समाचार पढ़ने को मिला।

अनीता शर्मा द्वारा लिखे गए पत्र एवं समाचार पत्र में यह उल्लेख किया गया कि देवजी भाई पटेल पूर्व विधायक एवं अशोक चतुर्वेदी तत्कालीन महाप्रबंधक के साथ भ्रष्टाचार में शामिल थे। मुझे किसी शासकीय अधिकारी के संबंध में पक्ष अथवा विपक्ष में कोई बात नहीं कहनी है। पर इन आठों विधायकों से मेरा निम्न प्रश्न है एवं उसे मैं दस्तावेज साक्ष्य के अपनी जानकारी तथ्यात्मक रूप से प्रस्तुत करने का चुनौती देता हूं मैंने आठों विधायकों को क्रिमिनल अवमानना का नोटिस भेजा है मैं निम्न प्रश्नों का उत्तर चाहता हूं।

1. भास्कर न्यूज़, हरिभूमि, न्यूज़ पोर्टल न्यूज़ चैनल एवं अन्य समाचार पत्र ने यह लेख करना कि अशोक चतुर्वेदी को पाठ्य पुस्तक निगम में प्रबंध संचालक बनाया गया था, वे साबित करे कि अशोक चतुर्वेदी प्रबंध संचालक थे? मेरे कार्यकाल में अशोक चतुर्वेदी कभी भी प्रबंध संचालक नहीं थे, शिकायत पूर्णत: आधारहीन है।

2. विधायकगणों की शिकायत के अनुसार अशोक चतुर्वेदी की पाठ्य पुस्तक निगम में महाप्रबंधक पद पर पदस्थापना नियम के विरुद्ध की गई । अशोक चतुर्वेदी को द्वितीय श्रेणी के अधिकारी बताया गया है, अतः वे इस तथ्य को समक्ष रखें कि वे द्वितीय श्रेणी के अधिकारी थे तथा यह साबित करें कि उक्त आदेश को मेरे पहुंच से जारी किया गया है, जिसमें द्वितीय श्रेणी के अधिकारी को प्रथम श्रेणी के पद पर बिठाया गया। मेरी जानकारी के अनुसार वे मूलतः प्रथम श्रेणी के अधिकारी उपायुक्त विकास के पद पर थे जिनकी पदस्थापना तत्कालीन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत की गई थी, इनकी पदस्थापना देवजी भाई पटेल ने नहीं किया था अतः ऐसे घिनौने आरोप का जवाब देना होगा।

3. विधायकगण यह तथ्यात्मक जानकारी प्रस्तुत करें कि देवजी भाई पटेल ने कितने करोड़ का भ्रष्टाचार किया ? और शासन को कितने करोड़ की क्षति पहुंचाई ? कैसे तथा किन-किन व्यक्ति द्वारा कब-कब कितनी राशि दी गई ? एवं भ्रष्टाचार की राशि का आदान-प्रदान हुआ है ।

4. विधायकगण तथ्यात्मक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि अशोक चतुर्वेदी द्वारा चुनावी फंड की राशि देवजी भाई पटेल को दी गई है कब-कब किन-किन चुनाव में ?

5. अशोक चतुर्वेदी से मेरा कोई सरोकार नहीं है , आर्थिक लेन देन कब कैसे किया गया ? विगत 15 वर्ष का मेरे खातों का एवं अशोक चतुर्वेदी के खातों की जांच कर ली जाए इसका तथ्यात्मक जवाब विधायकगण देवें ?

मेरे द्वारा सभी विधायकों को मानहानि का नोटिस “क्रिमिनल नोटिस” जारी किया गया है उनसे अपेक्षा की गई कि 21 दिनों के भीतर वे अपनी स्थिति स्पष्ट करें अन्यथा प्रत्येक विधायक हेतु पांच करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस जारी किया है।
यदि नोटिस का संतोषप्रद जवाब प्राप्त नहीं होता है तो माननीय न्यायालय के समक्ष मेरे द्वारा वाद प्रस्तुत किया जाएगा एवं मेरी प्रतिष्ठा धूमिल करने के प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।
आवश्यकतानुसार समाचार पत्रों के प्रधानसंपादको को भी पृथक से नोटिस जारी करने की तैयारी चल रही है । और इसे प्रतिष्ठा का विषय मानते हुए न्यायलय का दरवाजा खटखटाया जाएगा
मैं छत्तीसगढ़ विधानसभा की विधायिका में 15 वर्ष विधायक रहा तथा प्रत्येक कार्यकाल में कुल मिलाकर मुझे तीन बार उत्कृष्ट विधायक से अलंकृत किया गया।

अतः इस प्रकार की मेरी प्रतिष्ठा पर इज्जत पर झूठे आरोप लगाया जाना बर्दाश्त योग्य नहीं है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर…