नई दिल्ली। RBI Monetary Policy 2 जून से शुरू हुई तीन दिनों की बैठक के बाद RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने फैसला किया है कि जब तक Covid-19 का असर खत्म नहीं होता तब तक अकोमडेटिव नजरिया ही बरकरार रखा जाएगा। लगातार बढ़ती महंगाई के कारण रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव ना करने का फैसला किया है।

मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट्स पहले की तरह 4.25 फीसदी पर बना रहेगा। रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। बता दें कि पॉलिसी पर यह फैसला ऐसे समय में हुआ है जब कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर साफ नजर आ रहा है। RBI के सामने इस बार सबसे अहम मुद्दा महंगाई का है। देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपए प्रति लीटर से ऊपर जा चुकी हैं।
खास बातें:
आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह चार फीसदी पर बरकरार है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है।
यानी ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है।
मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट भी 4.25 फीसदी पर है।
दास ने आगे कहा कि रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।
इसके साथ ही बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। यह 4.25 फीसदी पर है।
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक रुख को ‘उदार’ बनाए रखा है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में देश की जीडीपी में 9.5 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया है। पिछली बैठक में जीडीपी में 10.5 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया गया था।
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 18.5 फीसदी होगी, दूसरी तिमाही में 7.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7.2 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.6 फीसदी।
मुद्रास्फीति पर दास ने कहा कि, वित्त वर्ष 2021-2022 में सीपीआई 5.1 फीसदी रह सकती है। पिछली बैठक में भी 5.1 फीसदी का ही अनुमान लगाया गया था।
पहली तिमाही में महंगाई दर 5.20 फीसदी रह सकती है, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.7 और चौथी तिमाही में यह 5.3 फीसदी हो सकती है।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम और वॉट्सएप पर…