नई दिल्ली/मुंबई। विदेशी निवेशकों (Foreign investors) ने भारतीय शेयर बाजार में जून के पहले 4 कारोबारी सत्रों (trading sessions) में करीब 8,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसकी वजह ये रही है कि भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट आई है।

चौथी तिमाही में बेहतर नतीजों से बढ़ा भरोसा
इसके साथ ही कंपनियों के चौथी तिमाही में बेहतर नतीजों की वजह से भारतीय बाजारों के प्रति विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। डिपॉजिटरी (depositories) आंकड़ों से पता चलता है कि इससे पहले मई महीने में FPI ने 2,954 करोड़ रुपये और अप्रैल महीने में 9,659 करोड़ रुपए निकाले थे।
जानकारों का मानना है कि FPI ने उभरते बाजारों में अपना पैसा ट्रांसफर कर दिया। भारतीय बाजारों में आई तेजी ने FPI को अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब वो मजबूत खरीदार बन गए हैं।
FPIs ने टेक्नोलॉजी, निजी बीमा कंपनियों, एग्रोकेमिकल्स और फिनटेक जैसी चुनिंदा कैटेगरी में खरीदारी की है। जानकारों का कहना है कि कोरोना के मामलों में सुधार और वैक्सीनेशन अभियान में तेजी आने से FPIs का निवेश और बढ़ने की उम्मीद है।
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