किसानों को खेतों तक सुविधाजनक पहुंचाने आरंभ होगी धरसा विकास योजना

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि किसानों को उनके खेतों तक सुविधाजनक पहुंच के लिए प्रदेश में जल्द ही धरसा विकास योजना प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना को राजीव गांधी किसान न्याय योजना से जोड़ते हुए किसानों के लिए आय का नया रास्ता खोला गया।

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल कार्यक्रम में बलौदाबाजार-भाटापारा और महासमुन्द जिले में लगभग 565 करोड़ की लागत से 1430 कार्योें का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। उन्होंने बलौदाबाजार जिले के लिए 295 करोड़ की लागत के 1172 कार्याें का और महासमुन्द जिले के लिए 270 करोड़ की लागत के 258 कार्याें का लोकार्पण और भूमिपूजन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के समय निर्माण कार्य भले ही थोड़ा प्रभावित हुए लेकिन उससे ज्यादा जरूरी काम हमने पूरी ताकत के साथ जारी रखा। पिछले साल भी लॉकडाउन के दौरान गरीबों को निःशुल्क चावल की व्यवस्था की गई थी। इस वर्ष मई और जून माह के निःशुल्क चावल की व्यवस्था पहले ही कर दी गई है, अब जुलाई से नवम्बर तक पांच महीने का चावल निःशुल्क दिया जाएगा। सभी राशनकार्डधारी को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के समकक्ष अतिरिक्त चावल भी वितरित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर से विकास के जो काम प्रभावित हुए थे, उन्हें अब पूरी रफ्तार के साथ पूरा किया जाएगा। कोरोना की लहर कमजोर पड़ने के बाद इसकी शुरूआत हो चुकी है, कल दुर्ग और बालोद जिले में लगभग 700 करोड़ की लागत के कार्याें का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया।

उन्होंने बलौदाबाजार-भाटापारा और महासमुन्द जिले में लोकार्पण और भूमिपूजन सामरोह के दौरान जिले के ग्राम पाहांदा से लिमाही होते हुए रायपुर तक पुल सहित पक्की सड़क निर्माण के लिए 6 करोड़ रूपए की स्वीकृति और बलौदाबाजार में ठेठवार यादव समाज के लिए सामुदायिक भवन निर्माण के लिए भूमि आबंटन होेेने पर भवन निर्माण के लिए 20 लाख रु. की स्वीकृति देने का आश्वासन दिया।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पिछले साल चार किश्तों में 19 लाख किसानों के खाते में 5628 करोड़ रु. की राशि सीधे भेजी गई। अब इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान और गन्ने के साथ-साथ अरहर, मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, दलहन-तिलहन को भी शामिल किया गया है।

कोरोना संकट के समय में गोधन न्याय योजना ने किसानों और पशुपालकों को बड़ा सहारा दिया है। गोबर विक्रेताओं को गोबर खरीदी के एवज में अब तक 95 करोड़ रु से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है। पिछले लॉकडाउन के दौरान मनरेगा के कार्याें में रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देश का अव्वल राज्य रहा है। इस वर्ष भी मनरेगा में 2 महिनों में साल भर के लक्ष्य का 25 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।

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