टीआरपी डेस्क। देश में टीकाकरण की प्रक्रिया जारी है। इस बीच भारत में कोरोना वैक्सीन की वजह से एक 68 साल के बुजुर्ग की मौत की पुष्टि हुई है। बता दें, सरकार की ओर से गठित पैनल ने इसकी पुष्टि की है। जानकारी अनुसार, 68 साल के बुजुर्ग को 8 मार्च को वैक्सीन की डोज दी गई थी। जिसके बाद उनमें एनाफिलैक्सिस जैसे साइडइफेक्ट दिखे और उनकी मौत हो गई।

वैक्सीन लगने के बाद कोई गंभीर बीमारी या मौत होने को वैज्ञानिक भाषा में एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कहा जाता है। AEFI के लिए केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी ने वैक्सीन लगने के बाद हुई 31 मौतों की असेसमेंट करने के बाद पहली मौत को कन्फर्म किया है।
जाने क्या है, एनाफिलैक्सिस एलर्जी ?
रिपोर्ट के अनुसार 8 मार्च 2021 को वैक्सीनेशन के बाद 68 वर्षीय व्यक्ति की एनाफिलैक्सिस से मौत हो गई। बता दें,एनाफिलैक्सिस एक घातक एलर्जी होती है, जिसका तुरंत इलाज किया जाना बेहद जरूरी होता है। यह बहुत तेजी से फैलती है। एनाफिलैक्सिस में पूरा शरीर बुरी तरह प्रभावित होता है।
AEFI कमेटी के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा की अध्यक्षता में तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया कि दो और लोगों में वैक्सीन लगने के बाद एनाफिलैक्सिस की समस्या सामने आई। इनकी उम्र 20 साल के आसपास थी। हालांकि, हॉस्पिटल में इलाज के बाद दोनों पूरी तरह रिकवर हो गए थे। इन्हें 16 और 19 जनवरी को वैक्सीन लगाई गई थी। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, तीन और मौतों की वजह वैक्सीन को माना गया है, लेकिन अभी पुष्टि होनी बाकी है।
सरकारी पैनल की रिपोर्ट कहती है कि वैक्सीन से जुड़े हुए अभी जो भी रिएक्शन सामने आ रहे हैं। उनकी उम्मीद पहले से ही थी। इनके लिए मौजूदा साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर वैक्सीनेशन को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। यह रिएक्शन एलर्जी से संबंधित या एनाफिलैक्सिस जैसे हो सकते हैं।
गौरतलब है कि कोविड रोधी टीकाकरण के बाद AEFI के मामले कुल टीकाकरण का सिर्फ 0.01 प्रतिशत थे। वहीं मृत्यु दर और भी कम हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी AEFI के आंकड़ों में कहा गया है कि 16 जनवरी से 7 जून के बीच 26,200 मामले सामने आए।
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