आखिर क्यों होता है 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन, जानें क्या है समर सोल्स्टिस
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टीआरपी डेस्क। साल के 365 दिन एक जैसे नहीं होते हैं। कभी दिन छोटे तो कभी रात छोटी होती है। कभी रात लंबी तो कभी दिन लंबे होते हैं। इसी तरह 21 जून को साल 2021 का सबसे लंबा दिन होने वाला है। इसे अंग्रेजी में समर सोल्स्टिस भी कहते हैं। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबा और रात छोटी होती है।

क्या है समर सोल्स्टिस?

सोल्स्टिस लैटिन सब्द सोल्स्टिम से बना है। लैटिन शब्द सोल का मतलब सूर्य और सेस्टेयर का मतलब स्थिर खड़े रहना है। इन दोनों शब्दों को मिलाकर सोल्स्टिस का अर्थ यह है कि सूर्य जब आम दिनों के अपेक्षा ज़्यादा देर तक दिखाई दे तो उसे समर सोल्स्टिस कहते हैं।

खगोल शास्त्रियों के अनुसार, सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर भारत के बीच से गुजरने वाली कर्क रेखा में आ जाता है। इसलिए इस दिन सूर्य की किरणें धरती पर ज्यादा समय के लिए पड़ती हैं। इस दिन सूर्य की रोशनी धरती पर करीब 15-16 घंटे तक पड़ती हैं। जिसके कारण 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है। कभी-कभी 22 जून को भी बड़ा दिन होता है।

इसके बाद 21 सितंबर से रात लंबी होने का सिलसिला बढ़ने लगता है। यह प्रक्रिया 23 दिसंबर तक होती है। भारत में 21 जून, 2021 को भारत में 13 घंटे 12 मिनट तक दिन रहेगा। उत्तरी गोलार्द्ध में प्रत्येक देश के लिए यह समय अलग-अलग होगा। दुनिया के कई देशों में इस दिन दिन की लंबाई 12 घंटे से ज़्यादा होगी।

मौसल में बदलाव 

21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध के देशों में गर्मी की शुरुआत भी कहा जाता है। हालांकि इस दौरान दक्षिण गोलार्द्ध के देशों में इसका बिलकुल उल्टा होगा वहां इसे सर्दियों की शुरुआत के तौर पर देखा जाता है। यानी जिस वक्त उत्तरी गोलार्द्ध के देश समर सोल्स्टिस मना रहे होंगे, उस वक्त ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ़्रीका और ब्राज़ील जैसे दक्षिण गोलार्द्ध के देशों में विंटर सोल्स्टिस मनाया जा रहा होगा।

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