रायपुर। हाल ही में एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) की तारीफ करने वाले प्रदेश के वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार को भंग करने की मांग की है।

राज्यपाल के नाम लिखे इस खत में उन्होंने सरकार पर पंचायतों के संवैधानिक अधिकार को समाप्त करने और केंद्रीय मदों की राशि के दुरूपयोग का आरोप लगाया है। यही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है। इस कारण उसे जल्द से जल्द भंग कर दिया जाए।
18 जून को एक कार्यक्रम के दौरान की थी सीएम की जमकर तारीफ
ननकीराम कंवर 18 जून को हुए लोकार्पण समारोह में शामिल हुए थे। इसमें सीएम ने भी वर्चुअली रूप से हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि सीएम तो अच्छा सोचते हैं, लेकिन उनके अफसर धरातल पर गड़बड़ कर रहे हैं। सीएम खूब तरक्की करें, आज सीएम हैं कल पीएम बनें। इस कार्यक्रम को हुए कुछ ही वक्त गुजरे कि ननकीराम कंवर ने राज्यपाल को तीन पन्नों का पत्र लिखकर राज्य सरकार भंग करने की मांग कर दी।
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने पत्र में उल्लेख किया है कि राज्य सरकार (state government) केंद्र सरकार द्वारा घोषित योजनाओं के विपरीत कार्य कर रही है। इससे संवैधानिक अधिकार कमजोर हो रहे हैं। उन्होंने भूपेश सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताया और कहा कि सरकार शासन करने में सक्षम नहीं है। केंद्र सरकार की योजनाओं को भी पलीता लगा रही है, इसे भंग कर देना चाहिए। इन सभी बातों का जिक्र करते हुए उन्होंने 8 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन राज्यपाल अनुसुइया उइके (Anusuiya Uikey) को भेजा।
छत्तीसगढ़ सरकार भंग करने की मांग
नकीराम कंवर ने मनरेगा में जेसीबी मशीनों से काम कराने, गौठान बनाने में पंचायतों के अधिकारों का हनन और राशि का और केंद्रीय मदों की राशि का दुरुपयोग करने आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के चावल का हितग्राहियों को सही वितरण नहीं करने, वन विभाग में कैम्पा मद व मनरेगा स्वीकृत वन विभाग के कार्यों में जेसीबी लगाने, खाद की निर्धारित दर से अधिक में बिक्री करने, प्रधानमंत्री आवास योजना और इसकी राशि का मनमाने ढंग से दुरुपयोग करने की भी शिकायत की है।
गौठानों में लगा केंद्र सरकार का पैसा
ननकीराम ने सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी (Narva, Garva, Ghurva and Bari) के तहत पंचायतों में निर्मित गौठानों पर भी सवाल उठाए हैं। ननकी का कहना है कि गौठानों का निर्माण सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए तो कर दिया, लेकिन इसमें पैसे केंद्र सरकार के लगे हैं।