टीआरपी डेस्क। केंद्र सरकार और twitter के बीच जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी बीच twitter ने शुक्रवार को केंद्रीय सूचना प्रोद्योगिकी (IT) और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट ब्लॉक कर दिया। इसकी वजह बताई गई कि उन्होंने अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन किया है। हालांकि बाद में twitter ने चेतावनी देते हुए रविशंकर प्रसाद का का हैंडल फिर से खोल दिया। करीब घंटे भर तक रविशंकर प्रसाद अपना ट्विटर अकाउंट इस्तेमाल नहीं कर पाए। उन्होंने दूसरे सोशल मीडिया ऐप कू के जरिए इस बात की जानकारी साझा की।
रविशंकर प्रसाद ने koo ऐप पर दी जानकारी
रविशंकर प्रसाद ने सोशल मैसेजिंग ऐप कू पर अपना रिएक्शन देते हुए twitter को खरी खोटी सुनाई है। उन्होंने कहा कि, फ्रेंड्स! आज बहुत ही अनोखी घटना हुई। twitter ने लगभग एक घंटे तक मेरे अकाउंट तक एक्सेस रोक दी। बताया गया कि कथित तौर पर अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन हुआ है। बाद में उन्होंने मुझे अकाउंट एक्सेस करने की परमिशन दे दी। twitter की कार्रवाई इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल 2021 के नियम 4(8) का उल्लंघन है। उन्होंने मुझे अपने अकाउंट तक एक्सेस से रोकने से पहले कोई सूचना नहीं दी।
Friends! Something highly peculiar happened today. Twitter denied access to my account for almost an hour on the alleged ground that there was a violation of the Digital Millennium Copyright Act of the USA and subsequently they allowed me to access the account. pic.twitter.com/WspPmor9Su
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 25, 2021
इसके अलावा, अब यह साफ है कि twitter इंटरमीडियरी गाइडलाइंस का पालन करने से इनकार क्यों कर रहा है, क्योंकि अगर twitter इसका पालन करता है, तो वह किसी के भी अकाउंट तक एक्सेस से मनमाने ढंग से इनकार नहीं कर पाएगा और यह उनके एजेंडे के मुताबिक नहीं है। इसके अलावा पिछले कई साल में किसी भी टीवी चैनल या किसी एंकर ने सोशल मीडिया पर शेयर किए गए मेरे इंटरव्यू के क्लिप के बारे में कॉपीराइट उल्लंघन के बारे में कोई शिकायत नहीं की है।
Further, it is now apparent as to why Twitter is refusing to comply with the Intermediary Guidelines because if Twitter does comply, it would be unable to arbitrarily deny access to an individual’s account which does not suit their agenda.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 25, 2021
twitter फ्री स्पीच के हिमायती नहीं
twitter के इस कदम से संकेत मिलता है कि वह फ्री स्पीच के हिमायती नहीं हैं। जिसका वह दावा करते हैं। वह सिर्फ अपना एजेंडा चलाने में रुचि रखते हैं। इस धमकी के साथ कि यदि आप उनकी खींची गई रेखा का पालन नहीं करते हैं तो वह आपको अपने प्लेटफार्म से मनमाने ढंग से हटा देंगे। कोई भी प्लेटफार्म हो कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्हें नए IT नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा और उस पर कोई समझौता नहीं होगा।
डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (DMCA)
बता दें, डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (DMCA) अमेरिका का कॉपीराइट एक्ट है। अक्टूबर 1998 में उस वक्त के अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने इस कानून को लागू किया था। क्लिंटन ने तब कहा था कि इस कानून को बनाने का मकसद किसी कंटेंट को चोरी होने से बचाना है और चोरी होने पर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करना है।
इसके तहत सभी तरह के डिजिटल प्रोडक्ट जैसे ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट, कंटेंट आते हैं। ज्यादातर ब्लॉग लिखने वाले या कंटेंट क्रिएटर अपने कंटेंट को प्रोटेक्ट करने के लिए इस कानून का सहारा लेते हैं। कोई भी व्यक्ति यदि बिना परमिशन के किसी का कंटेंट कॉपी करता है तो DMCA के तहत उसकी शिकायत की जा सकती है।
केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच विवाद
IT मंत्री का सोशल मीडिया कंपनी की यह कार्रवाई ऐसे समय में सामने आई है। जब केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच नए आईटी नियमों को लेकर विवाद चल रहा है। इस मामले में पिछले हफ्ते IT मिनिस्ट्री से जुड़ी संसदीय समिति के सामने ट्विटर के प्रतिनिधियों की पेशी हुई थी। समिति ने कंपनी के अधिकारियों से पूछा कि क्या आप देश के कानून का पालन करते हैं?
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इस पर ट्विटर के प्रतिनिधियों ने कहा- हम अपनी पॉलिसी को फॉलो करते हैं, जो देश के कानून के अनुसार है। इस दलील पर समिति ने आपत्ति जताते हुए कंपनी से तल्ख लहजे में कहा कि हमारे यहां देश का कानून सबसे बड़ा है, आपकी पॉलिसी नहीं।
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