धरमलाल कौशिक ने सूखा राशन वितरण मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम को लिखी चिट्ठी, लगाया भ्रष्टाचार का आरोप.. की उच्च स्तरीय जांच की मांग

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सूखा राशन वितरण को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है। धरमलाल कौशिक ने सूखा राशन वितरण मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने  कहा कि बिना निविदा के ही करोड़ों की ख़रीदी की गई है। साथ ही इस मामले में उन्होंने रिटायर्ड जस्टिस से उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की भी मांग की है।

धरमलाल कौशिक ने टेकाम को लिखी चिट्ठी

धरमलाल कौशिक ने पत्र में लिखा है कि फरवरी-मार्च 2021 में आयोजित विधानसभा सत्र में शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न विधान सभा प्रश्नों में दिए गए उत्तर से स्पष्ट है कि सूखा राशन वितरण में कई सौ करोड़ों का भ्रष्टाचार उच्च संरक्षण में किया जाना प्रतीत होता है। विधानसभा में गलत जानकारी दिए जाने और नियम विरूद्ध खरीदी करने के बाद भी किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई न करना उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि छ.ग. भण्डार क्रय नियम के अनुसार एनसीसीएफ, केन्द्रीय भण्डार, नेकाॅफ और अन्य सहकारी संस्थाओं से बिना निविदा के सीधे क्रय किए जाने के प्रावधान नहीं है।  24 फरवरी 2021 को प्रश्न क्र. 468 में उद्योग विभाग ने स्पष्ट उत्तर दिया है। छ.ग. भण्डार क्रय नियम 2002 (यथा संशोधित 2020) के अतंर्गत एनसीसीएफ, केन्द्रीय भण्डार, नेकाॅफ से वस्तुएं क्रय करने का प्रावधान नहीं है। उसके बाद भी शिक्षा विभाग के द्वारा विधान सभा में दिए गए उत्तरों से स्पष्ट है। बस्तर (केन्द्रीय भण्डार), कोण्डागांव (नेकाॅफ) व सुरजपुर (केन्द्रीय भण्डार व नेकाॅफ) में व सहकारी संस्थाओं से बिना निविदा के करोड़ों की खरीदी की गई है।

साथ ही सूरजपुर में ट्राइबल मार्ट नामक स्व सहायता समूह से लगभग ढ़ाई करोड़ की सामग्री बिना निविदा के सीधे क्रय की गई है। जबकि भण्डार क्रय नियम के अनुसार स्व सहायता समूहों द्वारा स्वयं उत्पादित हेण्डीक्राॅफ्ट व हेण्डलूम की सामग्री ही खरीदी की जा सकती है। अन्य सामाग्री की खरीदी नहीं की जा सकती।

  • उद्योग विभाग द्वारा विधानसभा में स्पष्ट उत्तर दिया गया है कि यदि किसी नियम को शिथिल करना है तो उसकी स्वीकृति उद्योग विभाग की अनुमति अनिवार्य है, लेकिन उपरोक्तानुसार क्रय में उद्योग विभाग से कही पर भी छूट नही ली गई है।
  • उपरोक्त क्रय में 3 प्रतिशत की सुरक्षा निधि भी नहीं ली गई है। न ही जीएसटी और टीडीएस इत्यादि सम्बंधी नियमों का भी पूर्ण पालन किया गया है। साथ ही प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ संस्थाओं को अग्रिम राशि भी दी गई है, जो नियम विरूद्ध है।
  • शिक्षा विभाग द्वारा विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार इन 3 जिलों में जो क्रय सहकारी या अन्य संस्थाओं से किया गया है। उसमें प्राकृतिक आपदा या कानून व्यवस्था की विषम परिस्थितियों में बिना निविदा बुलाए सीधे खरीदी की जाने के नियम का पालन किया गया है। इन जिलों ने खरीदी आदेश में 10 दिन से लेकर 30 दिन का समय दिया है। संस्थाओं द्वारा निर्धारित समय अवधि में सामग्री की पूर्ति नहीं की गई है। जिलों के द्वारा ये आदेश भी संचालनालय से आदेश जारी होने के 1 माह बाद तक भी दिए गए हैं। अतः स्पष्ट है कि जिलों के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की लीपापोती की जा रही है।
  • कानून व्यवस्था या विषम परिस्थिति रहती तो तुरंत सामग्री प्राप्त की जानी चाहिए। साथ ही यह भी उल्लेखनीय है कि पूरे प्रदेश में सिर्फ 03 जिलों में ही विषम परिस्थितियां उत्पन्न हुई है ? यह विचारणीय है।
  • भण्डार क्रय नियम की धारा 4.13 में स्पष्ट है कि यदि निर्धारित अवधि के अंदर सामग्री प्रदाय नहीं किया जाता है, तो क्रेता विभाग द्वारा 2 प्रतिशत प्रतिमाह पेनाल्टी लेगा व सिर्फ एक बार ही समय-सीमा में वृद्धि की जा सकेगी। निर्धारित समय अवधि में संस्थाओं द्वारा सामग्री की आपूर्ति नही किये जाने के बावजूद शिक्षा विभाग के द्वारा पेनाल्टी का वसूल न किया जाना शासन को राजस्व की क्षति पहुंचाता है।
  • विभाग द्वारा उत्तर में बताया गया है कि लगभग 105 रूपये प्रति किलो की दर से लगभग 34 करोड़ रू. की सोयाबड़ी बीज निगम से ली गई है जबकि उस समय का बाजार मूल्य 50 रू. था। इसमें भी लगभग 20 करोड़ रू का भ्रष्टाचार प्रतीत होता है। विभाग ने उत्तर में बताया है कि बिल्हा, केसकाल, मगरलोड व मस्तुरी अमानक बड़ी दी गई है। इस पर भी बीज निगम पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया गया है।
  • माननीय मंत्री जी के अनुसार केन्द्र सरकार के पत्रानुसार सहकारी संस्थाओं को काम दिया गया है। इस सम्बंध में अनुरोध है कि केन्द्र सरकार के द्वारा किस आदेश में नेकाॅफ व स्व सहायता समूहों से सीधे खरीदी के स्पष्ट निर्देश दिए गए है। कृपया उपलब्ध कराने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित करेंगे, जबकि ये सर्व विदित है कि राज्य भण्डार क्रय नियम का पालन कर ही क्रय करता है।
  • विभाग द्वारा परिवर्तित अतारांकित प्रश्न क्र. 32, व 22, दिनांक 01 मार्च 2021 में जिलों में आदेश जारी करने की तिथि अलग-अलग दी गई है (परिशिष्ठ-2)। विधानसभा में गलत जानकारी देने पर भी कोई कार्रवाई न करना आश्चर्यजनक है।
  • इस पूरे मामले में मुख्य सचिव या माननीय उच्च न्यायालय के सेवा निवृत्त माननीय न्यायधीश से जाॅच कराने निर्देशित करेंगे।
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