भाजपा का ओबीसी और बिल्हसपुरिया दांव कितना सटीक

0 बदलाव या बवाल की नई संभावना बनेगी

विशेष संवादाता। टीआरपी रायपुर
प्रभारी महामंत्री जामवाल के आते ही भाजपा प्रदेश संगठन से लेकर सत्तापक्ष को घेरने की रणनीति पर काम शुरू हो गया है। इसी का नतीजा है कि पहली बार आनन-फानन में सभी अहम पदों पर ओबीसी को बिठाया गया है। एक ओर बीजेपी पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को रिझाने के लिए संगठन के मुख्य प्रवक्ता से लेकर प्रवक्ताओं और नेताप्रतिपक्ष से लेकर प्रदेश संगठन अध्यक्ष तक पर ओबीसी को जगह दी गई है।

ऐसे में आदिवासी वर्ग के नेताओं और दबंग नेताओं की अनदेखी से भाजपा में कलह बढ़ेगी। नए प्रदेश अध्यक्ष बिलासपुर के सांसद अरुण साव को घोषित किया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की दिल्ली में बुलाई अहम बैठक में अजय जामवाल और पुरंदेश्वरी के अलावा संघ की पसंद चली है। वैसे एक दिक्कत भी आ सकती है क्योंकि नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भी बिलासपुर से है। ऐसे में नेताप्रतिपक्ष के लिए भी नए नामों में डॉ रमन सिंह, नारायण सिंह चंदेल का नाम सामने आ रहा है लेकिन बृजमोहन ने स्वतः ही नेता प्रतिपक्ष पद लेने के बजाय चुनाव समिति में जाने की इच्छा जता सकते हैं।

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